संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय धमकी सीबीसीआइडी, कई कर्मचारियों से लिया बयान
शास्त्री की डिग्री के आधार पर विपिन कुमार शर्मा का नामक एक अभ्यर्थी का माध्यमिक शिक्षा विभाग में एलटी ग्रेड पर नियुक्ति है। विपिन कुमार शर्मा ने वर्ष 2009 में विश्वविद्यालय व महाविद्यालय दोनों से शास्त्री की डिग्री हासिल की। वह भी विपिन कुमार शर्मा संस्थागत पढ़ाई की।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध महाविद्यालय में एक ही सत्र में एक ही विद्यार्थी द्वारा शास्त्री की परीक्षा देने का प्रकरण सामने आया है। शासन के निर्देश इसकी जांच अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबी-सीआइडी) कर रही है। इस क्रम में सीबी- सीआइडी, वाराणसी शाखा की पुलिस अधीक्षक स्नेहा तिवारी के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम पूरे दिन विश्वविद्यालय में कर्मचारियों से बयान लेने में जुटी रही। अब तक बीस कर्मचारियों का बयान हो चुका है। हालांकि परीक्षा भवन में चल रही जांच के दौरान किसी बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित था। बंद कमरे में कर्मचारियों का बयान हुआ।
शास्त्री की डिग्री के आधार पर विपिन कुमार शर्मा का नामक एक अभ्यर्थी का माध्यमिक शिक्षा विभाग में एलटी ग्रेड पर नियुक्ति है। विपिन कुमार शर्मा ने वर्ष 2009 में विश्वविद्यालय व महाविद्यालय दोनों से शास्त्री की डिग्री हासिल की। वह भी विपिन कुमार शर्मा संस्थागत पढ़ाई की। जबकि विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में एक ही सत्र में उपस्थिति संभव नहीं है। वह भी एक जालौन में व दूसरे बनारस में। खास बात यह रही कि विपिन कुमार शर्मा का नाम विश्वविद्यालय के साथ-साथ संबद्ध महाविद्यालय भी चलता रहा लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। शिकायतकर्ता ने विपिन कुमार के खिलाफ में जालसाजी के आरोप में चेतगंज थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।
जालसाजी की गंभीरता को देखते हुए शासन ने इसकी जांच सीबी-सीआइडी काे सौंपी है। सीबी-सीआइडी ने इसकी विवेचना शुरू कर दी है। इस क्रम में गत दिनों जालौन स्थित संबद्ध संस्कृत महाविद्यालय में भी सीबी-सीआइडी जांच करने पहुंची थी। सीबी-सीआइडी वहां के अध्यापकों व प्राचार्य का बयान लेने के बाद अब विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का बयान ले रही है। इस क्रम में सीबी-सीआइडी ने दिया 22 कर्मचारियों को नोटिस भी दिया था। इसमें कर्मचारियों से चार अक्टूबर को बयान देने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में रहने का निर्देश दिया गया था। वहीं पूर्व परीक्षा नियंत्रक सहित दो लोगों का बयान नहीं हो सका है। किन्हीं कारणवश दो लाेग अनुपस्थित थे।