संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : दस से 15 मिनट में अभ्यर्थियों की योग्यता का परीक्षण, 31 अक्टूबर तक संविदा अध्यापकों की नियुक्ति
शासन के निर्देश पर सूबे के संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकाें की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूबे के सभी कालेजों में 31 अक्टूबर तक संविदा पर अध्यापकों की नियुक्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में जनपद में भी शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया जारी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शासन के निर्देश पर सूबे के संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकाें की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूबे के सभी कालेजों में 31 अक्टूबर तक संविदा पर अध्यापकों की नियुक्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में जनपद में भी शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया जारी है। रविवार को राजकीय क्वींस इंटर कालेज में तीन विद्यालयाें में नाै पदों के लिए 58 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। इस दौरान चयन समिति के सदस्यों ने एक अभ्यर्थी का योग्यता का परीक्षण दस से 15 मिनट में किया।
हनुमत संस्कृत विद्यालय (चौकाघाट), श्री आनंदमयी कन्यापीठ (भदैनी), आदर्श सांग ब्रह्म विद्यापीठ में साहित्य, व्याकरण, वेदांत, पुराणेतिहास विभाग के अभ्यर्थियों को सुबह दस बजे क्वींस कालेज बुलाया गया था। प्रधानाचार्य कक्ष में सीसी टीवी की निगरानी में साक्षात्कार की प्रक्रिया शाम पांच बजे तक चली। प्रदेश भर में जिलों में अस्थाई संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पांच सदस्यीय चयन समिति बनाई गई है। इसमें संबंधित अशासकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक अध्यक्ष हैं। इनके अलावा संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपदीय अधिकारी सदस्य, मंडलीय उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं सदस्य, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित दो सदस्य एवं संबंधित जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव हैं। क्वींस कालेज में साक्षात्कार के दौरान चयन समिति में संस्कृत पाठशाला, पंचम मंडल की उप निदेशक मंजू शर्मा, बतौर सदस्य सचिव जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनोद कुमार राय, दो विषय विशेषज्ञ व संबंधित विद्यालयाें के प्रबंधक शामिल थे।
31 संस्कृत विद्यालयों में 83 पद रिक्त
जनपद के 31 संस्कृत विद्यालयों में 83 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसमें संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन विद्यालयों ने वर्ष 2018 में ही रिक्त शिक्षकों का विवरण शासन को भेजा था। शासन के निर्देश पर डीआइओएस कार्यालय ने प्रबंधतंत्र को विज्ञापन जारी करने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी थी।
महाविद्यालयों में भी संविदा पर नियुक्त के आसार
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में भी शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। इसे देखते हुए शासन संस्कृत विद्यालयों के तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी की जा रही है ताकि फौरी तौर पर शिक्षकों की कमी पूरी की जा सके। वहीं स्थायी अध्यापकों की नियुक्ति के लिए विधि विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि संबद्ध महाविद्यालयों में भी संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शासन से वार्ता चल रही है।