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अंकपत्रों के सत्यापन के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने एसआइटी से मांगी दो माह की मोहलत

फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विवि पर अंकपत्रों के सत्यापन के लिए दबाव बढ़ा दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 03:10 PM (IST)
अंकपत्रों के सत्यापन के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने एसआइटी से मांगी दो माह की मोहलत
अंकपत्रों के सत्यापन के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने एसआइटी से मांगी दो माह की मोहलत

वाराणसी, जेएनएन। फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विवि पर अंकपत्रों के सत्यापन के लिए दबाव बढ़ा दिया है। जांच कर रहे एसआइटी इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह लगातार विश्वविद्यालय से संपर्क में हैं। इस क्रम में मोबाइल फोन से उन्होंने 19 जून को परीक्षा नियंत्रक से बात की। इस दौरान 22 जनपदों के लंबित अंकपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट शीघ्र भेजने का अनुरोध किया। परीक्षा नियंत्रक ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अंकपत्रों के सत्यापन के लिए एसआइटी से दो माह की और मोहलत मांगी है। एसआइटी की जांच अंकपत्रों के सत्यापन रिपोर्ट पर अटकी है।

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तीन साल में भी सत्यापन नहीं

एसआइटी के इंस्पेक्टर ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय तीन साल में भी अध्यापकों के अंकपत्रों का सत्यापन नहीं कर सका है। कई बार कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक से मिलने व पत्राचार के बाद अब तक 75 में 53 जिलों के अंकपत्रों और प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट दी है। लंबित सत्यापन के कारण जांच में भी देरी हो रही। कहा कि रिपोर्ट का अपने स्तर से भी सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए विवि से टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) की छायाप्रति ली गई है। कहा कि सभी जिलों के शिक्षकों के अंकपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट मिलते ही जांच पूरी कर ली जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग बना रहा सूची

बेसिक शिक्षा ने विभाग संस्कृत विवि के डिग्रीधारक शिक्षकों का सत्यापन नए सिरे में कराने का निर्णय लिया है। इस क्रम में संस्कृत विवि के डिग्रीधारक शिक्षकों की सूची हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग को भी एसआइटी की रिपोर्ट का इंतजार है।

2116 शिक्षकों की डिग्री फर्जी

शासन के निर्देश पर एसआइटी डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के डिग्रीधारी शिक्षकों की जांच कर चुकी है। आंबेडकर विवि के नाम की 2116 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली थी जो सूबे के विभिन्न जनपदों के परिषदीय विद्यालयों में अध्यापक थे। एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्जी डिग्रीधारी अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि जिले में ऐसे चार शिक्षकों को हाल में बर्खास्त किया गया है।


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