परिनियम में संशोधन बिना नहीं होने देंगे नियुक्ति
वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ही नहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी अध्याप
वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ही नहीं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी अध्यापकों की नियुक्तियों में खेल चल रहा है। परिनियम में संशोधन किए बगैर संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए कुलसचिव पर दबाव भी पड़ रहा है। हालांकि कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी कॉल लेटर पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि परिनियम में संशोधन हुए बिना नियुक्ति नहीं होने देंगे।
नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर अध्यापकों में भी रोष है। अध्यापक परिषद ने नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायत राजभवन से भी की है। इसमें कहा गया है कि सीधी भर्ती के पदों को भरने के लिए करीब छह माह पूर्व विज्ञापन किए गए थे। नियमानुसार छह माह बीत जाने के बाद विवि को पुन: विज्ञापन करना चाहिए था। नए विज्ञापन किए बिना मनमाने तरीके से नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इतना ही नहीं यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार परिनियम भी संशोधित नहीं किए गए हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष जैसे सीधी भर्ती के पद पर अपने चहेतों की नियुक्ति पिछले दरवाजे से करने का भी कुचक्र रचा जा रहा है। अध्यापकों ने राज्यपाल व कुलाधिपति से तत्काल प्रभाव से विज्ञापन निरस्त कर नियुक्ति रोकने का अनुरोध किया है।