Sampoornanand Sanskrit University में करोड़ों का लेखा-जोखा नदारद, आडिट विभाग कर चुकी है कई बार आपत्ति
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय कैशबुक अपडेट नहीं है। वर्षों से कैशबुक लंबित होने के कारण विश्वविद्यालय में करोड़ों का लेखा-जोखा नदारद है।
वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय कैशबुक अपडेट नहीं है। वर्षों से कैशबुक लंबित होने के कारण विश्वविद्यालय में करोड़ों का लेखा-जोखा नदारद है। वहीं, कैशबुक अपडेट न होना वित्तीय अनियमितता के दायरे में भी आता है। इस पर आडिट विभाग भी कई बार आपत्ति उठा चुका है।
खास बात यह है कि यह हम नहीं कर रहे हैं। कैशबुक अपडेट करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है। वह स्वयं बयां कर रहे हैं। दरअसल, कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के एरियर (वेतन का अंश) का भुगतान अब तक न होने से कर्मचारी नाराज हैं। ऐसे में अब विश्वविद्यालय की पोल खोलने में भी जुट गए हैं। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए गुरुवार को उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखा है।
संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय, महामंत्री यदुनाथ त्रिपाठी को ओर शासन को लिखे शिकायती पत्र में विश्वविद्यालय कोष के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि विभिन्न प्रकरणों पर आडिट विभाग ने विश्वविद्यालय पर करोड़ों रुपये का अर्थदंड लगाया था। इसकी भी जांच होनी चाहिए। वहीं, 15.19 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय के पास सावधि जमा (फिक्स डिपाटिज) के रूप में हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय शासन को गुमराह कर रहा है। कर्मचारी संघ ने इन सभी वित्तीय प्रकरणों पर शासन से जांच कराने का अनुरोध किया है। कर्मचारियों ने इसकी प्रतिलिपि कुलपति को भी दी है।
संस्कृत विवि मेंठप रहा कामकाज
कर्मचारियों के आंदोलन के चलते संपूर्णानंद संस्कत विश्वविद्यालय में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं कुलपति के संग हुई वार्ता में सातवें वेतन आयोग के एरियर (वेतन का अंश) के भुगतान को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। कर्मचारियों ने कुलपति से आश्वासन को ठुकरा दिया और पूरे दिन धरने पर बैठे रहे। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते दूसरे दिन मंगलवार को भी विभिन्न अनुभागों का ताला नहीं खुल सका। कार्यालय का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। बीएड, बीलिब सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 15 सितंबर से शुरू होने वाली है। वहीं शास्त्री-आचार्य की परीक्षाएं 22 सितंबर से पूरे देश में एक साथ होनी है। ऐन मौके पर कर्मचारियों के आंदोलन से परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने कर्मचारी के संघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया था। इस दौरान कुलपति ने शासन द्वारा प्रतिबंध हटने के तत्काल बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर एरियर देने का आश्वासन दिया।