संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : अंकपत्र के फेर में फंसा हजारों छात्रों का दाखिला, तीन माह से कर रहे इंतजार
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री-आचार्य के छात्रों को अंकपत्र अब तक नहीं मिल सका है जबकि शास्त्री अंतिम वर्ष व आचार्य द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 में कराई गईं थीं। परीक्षा परिणाम अक्टूबर 2020 में घोषित कर दिया गया था।
वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री-आचार्य के छात्रों को अंकपत्र अब तक नहीं मिल सका है, जबकि शास्त्री अंतिम वर्ष व आचार्य द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 में कराई गईं थीं। परीक्षा परिणाम अक्टूबर 2020 में घोषित कर दिया गया था। अंकपत्र के अभाव में हजारों छात्रों का दाखिला अगली कक्षा में फंस गया है।
विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालय इंटरनेट से डाउनलोड अंकपत्रों के आधार पर छात्रों का अगली कक्षा में दाखिला हो जा रहा है। वहीं दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए छात्रों से मूल कापी मांगी जा रही है। इसे देखते हुए तमाम छात्र अंकपत्र के लिए विश्वविद्यालय की दौड़ लगा रहे हैं।
विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध देशभर के कालेजों में शास्त्री-आचार्य की परीक्षा में करीब 18,000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। वहीं अंकपत्रों के लिए छात्र तीन माह से इंतजार कर रहे हैं। इसे लेकर छात्रों में रोष है। परीक्षा विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि अब अंकपत्र बनाने वाली एजेंसी को दो माह पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। पिछला भुगतान न होने के कारण एजेंसी अंकपत्र बनाने में हीलाहवाली कर रही है। परीक्षा नियंत्रक परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद ने स्वीकार किया कि अंकपत्र जारी करने में हो रही देरी के पीछे एजेंसी का पिछला भुगतान बकाया है। बताया कि एजेंसी से बातचीत कर समाधान निकाल लिया गया है। अब एजेंसी अंकपत्र देने के लिए तैयार हो गई है। ऐसे में 30 जनवरी तक अंकपत्र जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि संबद्ध कालेजों को सत्र 2020-21 का छात्रों की नामावली जमा करने के लिए 30 तक विश्वविद्यालय बुलाया गया है। इस दौरान कालेजों को शास्त्री-आचार्य का अंकपत्र सौंप दिया जाएगा।