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केंद्र और राज्य के पेच में फंसा सूबे के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन

संगठित व असंगठित सभी कर्मचारियों को तीन दिनाें के भीतर ईपीएफ निकासी की स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं सूबे के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन पिछले पांच माह से केंद्र व राज्य के पेच में फंसा हुआ है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 11:20 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 11:20 AM (IST)
केंद्र और राज्य के पेच में फंसा सूबे के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन
संगठित व असंगठित सभी कर्मचारियों को तीन दिनाें के भीतर ईपीएफ निकासी की स्वीकृति प्रदान की गई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में केंद्र व राज्य सरकार ने लोगों के राहत के लिए तमाम कदम उठाया। इस क्रम में संगठित व असंगठित सभी कर्मचारियों को तीन दिनाें के भीतर ईपीएफ निकासी की स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं सूबे के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन पिछले पांच माह से केंद्र व राज्य के पेच में फंसा हुआ है। स्थिति यह है घर-गृहस्थी चलाने के लिए अब डायट शिक्षक व कर्मचारी ब्याज पर पैसे लेने के लिए बाध्य हो रहे हैं।

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दरअसल डायट के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन के लिए 60 फीसद केंद्र सरकार व 40 फीसद अनुदान देती है। वहीं केंद्र व राज्य के बजट के फेर में शिक्षकों व कर्मचारियों को हर माह वेतन के लिए बजट पर टकटकी लगाए रहते हैं। इसी प्रकार इस बार भी पांच माह से वेतन शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन रूका हुआ है। जबकि बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चंद्र द्विवेद्वी केंद्र के बजट के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी पत्र लिख चुके हैं। वेतन को लेकर स्थानीय डायट के शिक्षकों व कर्मचारियों में भी रोष है। इस संबंध में यूपी एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफिसर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री के जनसंपर्क कार्यालय को एक पत्रक सौंपा है। इसमें कहा गया है कि संस्थानो (डायट) में कार्यरत कर्मियों को विगत पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इससे प्रदेश के समस्त कर्मियों को आर्थिक व मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है । जबकि अक्टूबर माह में दशहरा व दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार हैं। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के मंडली अध्यक्ष दीपेंद्र श्रीवास्तव, मंडली मंत्री सुभाष सिंह , वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष शुक्ला, नरेंद्र शर्मा, विपिन सिंह, अरुण कुमार, अमित कुमार सिंह आदि लोग उपस्थित थे।

घर में छिप है कर्मचारी : एसोसिएशन के मंडली अध्यक्ष दीपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पांच माह से वेतन न मिलने के कारण प्रतिदिन दूधवाले, राशन सहित अन्य का तगादा सुनना पड़ता है। ऐसे में घर में छिपकर रहना पड़ रहा कि कोई बकाया पैसा न मांग लें। पांच माह में बकाया होने के कारण अब राशन भी मिलना मुश्किल है।


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