वाराणसी के संतों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भेजा रामचरित मानस
लोकसभा चुनाव से अब तक पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम के नारे को लेकर मची रार में सोमवार को काशी के संत-महंत भी शामिल हो गए।
वाराणसी, जेएनएन। लोकसभा चुनाव से अब तक पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम के नारे को लेकर मची रार में सोमवार को बनारस के संत भी शामिल हो गए। पातालपुरी मठ के महंत बालकदास महाराज के नेतृत्व में संतों ने वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को श्रीरामचरित मानस की प्रति भेजी। इसे विश्वेश्वरगंज प्रधान डाकघर से स्पीड पोस्ट किया। इसके साथ संलग्न पत्र में ममता बनर्जी से श्रीरामचरित मानस के अध्ययन का आग्रह किया गया है। महंत बालकदास ने कहा कि रामचरित मानस में राजा-प्रजा समेत सभी वर्गो की मर्यादाएं बताई गई हैं।
इसमें भाईचारा व सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने के साथ सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दिया गया है। लोकतंत्र में राजा की व्यवस्था तो नहीं लेकिन ममता बनर्जी उसी रूप में पदस्थापित हैं। ऐसे में उनका जनमानस के साथ कैसा व्यवहार हो, यह उन्हें श्रीरामचरित मानस से सीखना चाहिए। हालांकि ममता को प्रभु श्रीराम के नाम से एलर्जी हो गई है। ऐसे में दुनिया का मार्गदर्शन करने वाली नगरी काशी से सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया जा रहा। उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भगवान श्रीराम के चरित्र का अध्ययन कर समाज में नया संदेश देने का प्रयास करेंगी।
इससे समाज में आपसी भाई-चारा और सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा। राजनीतिक लाभ के लिए प्रभु श्रीराम की महत्ता व हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था को नकारना किसी दशा में उचित नहीं है। यह बात ममता बनर्जी को अच्छी तरह समझना चाहिए। रामचरित मानस भेजने वालों में महंत ईश्वर दास, महंत अवध किशोर दास, संत रामदास, दीनदयाल तिवारी के साथ 25 बटुक शामिल थे।
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