रेल में नहीं लंबा चलेगा खेल, साहब बनेंगे आमजन आैर जाचेंगें ट्रेनों में दी गई सुविधा
रेल अधिकारी आधिकारिक यात्रा ट्रेनों से ही करेंगे और इस दौरान उन्हें यात्रियों से बातचीत कर सुविधाओं की हकीकत भी जाननी होगी।
वाराणसी [राकेश श्रीवास्तव]। रेल अधिकारी आधिकारिक यात्रा ट्रेनों से ही करेंगे और इस दौरान उन्हें यात्रियों से बातचीत कर सुविधाओं की हकीकत भी जाननी होगी। यात्रा के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट डीआरएम व जीएम को सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर रेलवे बोर्ड खामियों में सुधार एवं कुछ नया करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। यात्रियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने यह जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी है। इस दौरान अफसर अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने से बहुत सी दुश्वारियां खुली आंखों से देखने को मिलेंगी।
मसलन, ओवर रेटिंग, अवैध वेंडरों की मनमानी इत्यादि। बहरहाल, यह आदेश महाप्रबंधक एवं डीआरएम के लिए है। लेकिन दोनों ही आलाधिकारी खुद के साथ मंडल एवं जोन के विभागाध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दे सकते हैं। नई रणनीति से रेलवे बोर्ड यात्री सुविधाओं को मुकम्मल जमीन पर उतार सकेगा। दरअसल, यात्री सुविधा, सुरक्षा, संरक्षा रेलवे का महत्वाकांक्षी नारा है। इसे जमीन पर उतारने को सरकार तेजी से काम भी कर रही है।
बायो टॉयलेट की सुविधा हाईस्पीड ट्रेनों से आगे सुपरफास्ट एवं मेल एक्सप्रेस में मिलने लगी है। विभिन्न ट्रेनों को नए कोच का चोला ओढ़ाने की कवायद तेज है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के बाद से ही रेलवे की ओर से भी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान देने के लिए और जमीन हकीकत से रुबरू होने के लिए रेलवे की ओर से यह कदम उठाया जाएगा।
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