प्रवासी भारतीय : लालपुर क्रीड़ा संकुल में बन रहा सेफ हाउस, वीवीआइपी करेंगे आराम
वाराणसी में आयोजित होने जा रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान लालपुर स्थित डा.भीमराव क्रीड़ा संकुल में सेफ हाउस बनाया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी में आयोजित होने जा रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान दीनदयाल हस्तकला संकुल के सामने लालपुर स्थित डा. भीमराव आंबेडकर क्रीड़ा संकुल में देश की सरकार मौजूद रहेगी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर समेत देश के तमाम अतिविशिष्ट गणमान्य का जमघट होगा। क्रीड़ा संकुल में भारत के प्रधानमंत्री और मारीशस के प्रधानमंत्री के साथ ही विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों के बीच डायनिंग टेबल पर द्विपक्षीय वार्ता होगी।
तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के दूसरे दिन यानी 22 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी वाराणसी में होंगे। इन गणमान्य के लिए लालपुर स्थित डा. भीमराव आंबेडकर क्रीड़ा संकुल में ठहरने का इंतजाम किया गया है। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लालपुर स्थित क्रीड़ा संकुल में सेफ हाउस का निर्माण कराया जा रहा है। यदि प्रधानमंत्री 22 को रात्रि प्रवास करते हैं तो उनके ठहरने के लिए भी अत्याधुनिक सुविधाओं वाला स्विस काटेज तैयार किया जा रहा है।
दरअसल, 22 को सम्मेलन के उद्धाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी दीनदयाल हस्तकला संकुल में प्रवासियों को संबोधित करेंगे। संबोधन के बाद टीएफसी के सामने क्रीड़ा संकुल में पीएम अतिविशिष्ट लोगों के संग भोजन करेंगे। भोजन के बाद विभिन्न देशों से आए सरकार के प्रतिनिधियों के साथ पीएम देश के विकास में भागीदारी, पर्यटन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति व पीएम के लालपुर में प्रवास करने को लेकर एसपीजी की ओर से सुरक्षा-व्यवस्था के इंतजाम का खाका खींचा जा चुका है। एसपीजी के ब्लू प्रिंट के अनुसार क्रीड़ा संकुल में राष्ट्रपति व पीएम के प्रवास की व्यवस्था की जा रही है।
कदम-कदम पर स्वागत सत्कार : प्रवासियों के पारंपरिक स्वागत सत्कार के लिए भी स्थानीय जिला प्रशासन का पूरा जोर है कि कहीं कोई कमी नहीं रह जाए। स्वागत सत्कार की रूपरेखा स्वयं डीएम तैयार कर रहे हैं। डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रवासी भारतियों का काशी की परंपरानुसार स्वागत करने के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में स्वागत करने के लिए जो परंपरा निभाई जाती है, उसका भी खाका तैयार किया जा रहा है। एयरपोर्ट से लेकर टेंट सिटी, टीएफसी हो या फिर गंगा घाट, सभी स्थानों पर अलग-अलग तरीके से पारंपरिक स्वागत किया जाएगा। बनारस में शहनाई की धुन पर स्वागत की अनूठी परंपरा है जो आकर्षण का केंद्र होगा।