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सावन के चौथे सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का मनभावन रुद्राक्ष श्रृंगार

सावन के चौथे सोमवार के मौके पर वाराणसी में सुबह से ही अंचलों में शिवालयों में लोगों की आस्‍था परवान चढ़ी नजर आई और तटवर्ती लोगों ने गंगा स्‍नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 12:31 AM (IST)
सावन के चौथे सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का मनभावन रुद्राक्ष श्रृंगार
सावन के चौथे सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का मनभावन रुद्राक्ष श्रृंगार

वाराणसी, जेएनएन। बाबा को मनभावन सावन माह के चौथे सोमवार को उनके दरबार में श्रद्धा-आस्था की फुहार कुछ अधिक ही भक्तों को भिगोती रही। कोरोना संकट के बाद भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार का दायरा बड़ा होता रहा। इसमें महिलाओं की भागीदारी तो केशरिया धारी बोल बम भी उमड़े। दिन भर हर हर महादेव के उद्घोष से परिसर गुंजाया तो शाम को गर्भगृह में बाबा संग माता गौरा की रूद्राक्ष श्रृंगार झांकी के दर्शन कर मन मगन हुए। सावन की परंपरा अनुसार श्रृंगार भोग आरती से पहले परंपरानुसार बाबा की झांकी सजाई गई।

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सुबह मंंगला आरती के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुले और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाए भक्तों का जत्था आगे बढ़ चला। फूल-पत्तियों से सजे परिसर ने मन मोह लिया तो गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का दर्शन किया। जलपात्र द्वार पर लगे पात्र में उड़ेला और बाबा को जलाजल किया। कोरोना संकट से मुक्ति की गुहार के साथ मनोकामनाओं का पिटारा भी प्रभु चरणों में रख दिया। कोरोना संकट के कारण द्वार पर थर्मल स्केनिंग व हाथ सैनिटाइज कराने के बाद प्रवेश दिया गया। भीड़ से बचाने के लिए एक बार में पांच लोगों को छोड़ा गया। दो मीटर की दूरी बनाए रखने का आग्रह भी किया जाता रहा। सुबह नौ बजे तक 680 तो शाम पांच बजे तक 3100 और रात तक पांच हजार से अधिक लोगों ने दर्शन कर लिया। दिव्यांग व बुजुगजन के लिए वाहन की व्यवस्था की गई तो उन्हें सीधे प्रवेश दिया गया।

मंगला आरती में 50 भक्तों ने की भागीदारी

सावन के चौथे सोमवार को मंगला आरती झांकी दर्शन का 50 भक्तों को सौभाग्य मिला। प्रतिबंधों के कारण पिछले सोमवार को श्रद्धालु इससे वंचित रह गए थे।

बंद रहे अन्य प्रमुख शिवालयों के पट, भक्तों ने बाहर से टेका मत्था 

बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा गांव से लेकर शहर तक अन्य शिवालयों के पट बंद रहे। रामेश्वर महादेव, मार्कंडेय महादेव, शूलटंकेश्वर महादेव, काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर के बाहर से ही श्रद्धालुओं ने मत्था टेक कर प्रभु से मंगलमय जीवन की कामना की।

सोमवार विशिष्ट श्रृंगार में अलग ही रंग नजर

इस बार सावन में पांच सोमवार, दो प्रदोष और एक मास शिवरात्रि पड़ रही है। हर सोमवार विशिष्ट श्रृंगार में अलग ही रंग नजर आता है जो भक्तों को विभोर कर जाता है। सावन के चौथे सोमवार के मौके पर सुबह से ही अंचलों में शिवालयों में लोगों की आस्‍था परवान चढ़ी नजर आई और तटवर्ती लोगों ने गंगा स्‍नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।

इस बार सावन के चतुर्थ सोमवार को बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया। इसमें रुद्राक्ष के दाने से बाबा की झांकी सजाई गई। इसे बाद में प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित भी किया जाता है। सावन के चौथे सोमवार को भी शहर के प्रमुख शिवालय बंद रहेंगे। महामृत्युंजय, गौरी केदारेश्वर, तिलभांडेश्वर, शूलटंकेश्वर, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख शिवालयों में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहा। वहीं सारंगनाथ महादेव मंदिर में झांकी दर्शन का इंतजाम किया गया है।


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