उम्र के बैरियर पर भाजपा में बवाल, नामांकन के दौरान भी कई मंडलों में हुआ था विवाद और हाथापाई
भारतीय जनता पार्टी ने अपने अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं और युवाओं को आगे बढऩे का मौका देने के लिए उम्र की बाध्यता का नियम बनाया है।
वाराणसी, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने अपने अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं और युवाओं को आगे बढऩे का मौका देने के लिए उम्र की बाध्यता का नियम बनाया है। मंडल अध्यक्ष पद के लिए अधिकतम उम्र 40 वर्ष और जिला व महानगर अध्यक्ष के लिए 50 निर्धारित की गई है। संगठन में एक सार्थक उद्देश्य से शुरू किया गया उम्र सीमा का यह नियम अब पार्टी में विवाद का कारण बन गया है। बाकायदे इसकी शिकायतें पार्टी फोरम पर की गईं हैं।
पिछले दिनों पार्टी ने मंडल अध्यक्ष और जिला प्रभारियों के चुनाव परिणाम की घोषणा कर दी गई। महानगर के 13 मंडलों में नौ अध्यक्ष ही घोषणा हुई चार अभी भी बाकी है। इसी प्रकार जिला इकाई में तीन मंडलों के अध्यक्ष पद की घोषणा बाकी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कई मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं होने का कारण विवाद है। मंडल अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान ही कई जगह विवाद और हाथापाई तक हुई थी। फिर भी चुनाव अधिकारियों ने विवाद को दरकिनार कर चुनाव प्रकिया पूरी कर दी थी। चुनाव अधिकारी द्वारा बात नहीं सुने जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने काशी क्षेत्र के पदाधिकारियों का सहारा लिया है। कई मंडल अध्यक्ष के प्रत्याशियों की उम्र को लेकर लिखित शिकायत की गई है। सूत्रों की मानें तो एक मंडल अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने अपनी उम्र 39 वर्ष आवेदन पत्र में दर्ज किया है। उनका ओरिजनल प्रमाणपत्र मांगा जाए। वह 40 के पार के हैं। वैसे विवाद का कारण सत्ताधारी दल में सांगठनिक पद पर अधिक दावेदार होना बताया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू
भाजपा जिला इकाई में जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रकिया रविवार से शुरू हो गई। जिला चुनाव अधिकारी देवेन्द्र सिंह ने चुनाव प्रक्रिया स्थल आशियाना वाटिका, मीरापुर बसही में मतदाता सूची चस्पा करवा कर इसकी विधिवत शुरुआत कर दी। जिला मीडिया सह-प्रभारी श्रीनिकेतन मिश्र ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 20 नवम्बर को दिन में 11 बजे से एक बजे तक नामांकन पत्र वितरण एवं नामांकन की प्रक्रिया सम्पन्न होगी। उसके बाद डेढ बजे तक नामांकन पत्रों की जांच फिर ढाई बजे तक नाम वापसी की जा सकेगी। नाम वापसी के बाद आगे की चुनावी प्रक्रिया होगी।