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वाराणसी में नंदी को 51 किलो रुद्राक्ष चढ़ाने जा रहे ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका

ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता विश्वनाथ मंदिर जाने से रोके गए। इनको मैदागिन चौराहे पर रोका गया। यह सभी विश्वनाथ मंदिर में नंदी के लिए 51 किलो रुद्राक्ष ले जा रहे थ। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से कार्यकर्ताओं को रोका।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 08:16 PM (IST)
वाराणसी में नंदी को 51 किलो रुद्राक्ष चढ़ाने जा रहे ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता विश्वनाथ मंदिर जाने से रोके गए। इनको मैदागिन चौराहे पर रोका गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित नंदी की प्रतिमा को 51 किलो रुद्राक्ष चढ़ाने जा रहे ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं को मंगलवार को पुलिस ने रोक दिया। कार्यकर्ता जिद पर अड़े रहे और पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दे रही थी। इससे नाराज महापरिषद के कार्यकर्ता मैदागिन चौराहे पर धरने पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। काफी जद्दोजहद के बाद कार्यकर्ताओं को आम श्रद्धालुओं की तरह मंदिर में जाकर दर्शन करने और परिसर स्थित हनुमान मंदिर में रुद्राक्ष को चढ़ाने की इजाजत दी गई।

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चौक थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा के अनुसार ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने बकायदा विज्ञप्ति जारी करके मंदिर के पश्चिमी द्वार के पास मौजूद नदीं को 51 किलो रुद्राक्ष चढ़ाने का बात कही थी। इसके लेकर पुलिस अलर्ट थी। सुबह 25-30 की संख्या में कार्यकर्ता 51 किलो रुद्राक्ष लेकर मैदागिन के रास्ते पैदल ही मंदिर की ओर बढ़ने लगे। पुलिस रास्ते पर मौजूद रही। सभी कार्यकर्ताओं को मैदागिन चौराहे पर रोक दिया। इसे लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हुई। कार्यकर्ता समूह के साथ मंदिर जाने पर अड़े रहे।

ज्ञानवापी मुक्त महापरिषद के कार्यकर्ताओं को वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने मैदागिन पर रोक दिया। इससे नाराज महापरिषद के कार्यकर्ता मैदागिन चौराहे पर सड़क पर धरने पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे।

मामले को तूल पकड़ता देख आनन-फानन तीन थानों की फोर्स मैदागिन चौराहे पर पहुंची। काफी हुज्जत के बाद आला अफसरों के निर्देश पर महापरिषद के 15 कार्यकर्ताओं को दर्शन-पूजन की अनुमति मिली तो मामला शांत हुआ।

बड़ी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रहे थे। पुलिस का कहना है था इस कार्यक्रम के लिए कोई इजाजत नहीं ली गई है। वहीं कार्यकर्ताओं का कहना था कि दर्शन-पूजन के लिए उन्हें किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। रोके जाने से नाराज महापरिषद के कार्यकर्ता मैदागिन चौराहे पर सड़क पर धरने पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस के समझाने-बुझाने पर कार्यकर्ताओं ने अपनी जिद छोड़ी। इसके बाद 15 कार्यकर्ताओं को आम श्रद्धालुओं की तरह मंदिर जाने और दर्शन-पूजन करने का इजाजत दी गई। साथ ही कार्यकर्ता इस पर भी राजी हुए कि रुद्राक्ष को नंदी को न चढ़ाकर परिसर स्थित हनुमान मंदिर में चढ़ाया जाए।

कार्यकर्ता दर्शन-पूजन के लिए जाने वाले आम श्रद्धालुओं की तरह ही सुरक्षा जांच आदि के बाद मंदिर में पहुंचे। साथ लाए 51 किलो रुद्राक्ष को हनुमान मंदिर में चढ़ाया। इसके बाद सभी वापस लौट गए। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यक्रम के लेकर चौक व कोतवाली पुलिस अलर्ट रही। मंदिर परिसर में सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहे।


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