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RSS कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगे नोटबंदी के फायदे, NOTA के नुकसान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्य विभाग प्रचारक वर्ग के प्रशिक्षण बैठक में कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्रों में हिंदुत्व जागरण कार्य को गति देने का आह्वान किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 10:01 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 10:01 AM (IST)
RSS कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगे नोटबंदी के फायदे, NOTA के नुकसान
RSS कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगे नोटबंदी के फायदे, NOTA के नुकसान

वाराणसी (जेएनएन)। अयोध्या में राम मंदिर की जोर पकड़ती चर्चाओं के बीच कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्य विभाग प्रचारक वर्ग के प्रशिक्षण बैठक में कार्यकर्ताओं को अपने -अपने क्षेत्रों में हिंदुत्व जागरण कार्य को गति देने का आह्वान किया। उन्होंने समाज के हर गरीब घरों में संघ की चर्चा करने और उनकी समस्याओं के निराकरण की दिशा में कार्य करने पर जोर दिया।

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वाराणसी में हरहुआ के कोईराजपुर के एक निजी स्कूल में आयोजित छह दिनी बैठक के अंतिम दिन सुबह नौ बजे से सत्र चला और चक्रीय बैठकें की गईं। इसमें प्रशिक्षण समेकीकरण व मूल्यांकन गतिविधियों पर तो चर्चा की ही गई नोटबंदी व नोटा भी छाया रहा। तय किया गया कि नोटबंदी को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को जागरूकता से ही खत्म किया जा सकता है।

असमंजस का माहौल बनने से पहले ही इसे खत्म करने के लिए घर-घर इसके फायदे बताने होंगे। इसके साथ ही नोटा को लेकर मजबूती से विरोध जताना होगा। इसको जनजागरूकता के स्तर पर इसे ले जाना होगा। माना गया कि नोटा के इस्तेमाल से सुयोग्य, चुनाव में अयोग्य हो जाएगा। इस लिहाज से देखा जाए तो नोटा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है, ऐसे में बेहतर विकल्प का चयन ही बेहतर है। यह बात लोगों को समझानी होगी। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य विभाग प्रचारक वर्ग की बैठक में राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका, राममंदिर निर्माण में सहभागिता, संघ की शाखाओं के विस्तार के साथ ही एससी- एसटी एक्ट, तीन तलाक, शिक्षा व और महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की गई।

स्कूल सभागार में सायंकाल शाखा लगी जिसे संघ प्रमुख ने प्रशिक्षण वर्ग में आए विभिन्न प्रांतों के प्रचारकों को संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्य विभाग प्रचारक वर्ग में प्राप्त अनुभवों पर पुनरावलोकन किया गया। बेहतर स्वास्थ्य, संवाद व गतिशीलता के प्रति सजगता की जिम्मेदारी सौपी गई। विदाई समारोह में सफलता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। इसमें पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत छह प्रांतों से विभिन्न वर्ग के 250 प्रचारक शामिल थे।

संघ प्रमुख समेत स्वयंसेवकों की शाम के बाद रवानगी

आरएसएस कार्य विभाग प्रचारक वर्ग की छह दिनी प्रशिक्षण बैठक के बाद संघ प्रमुख ने रात में मुगलसराय से ट्रेन पकड़ ली। इसके बाद शाम के साथ स्वयंसेवकों की भी रवानगी शुरू हो गई। कार्यकर्ताओं को स्टेशनों तक छोडऩे केलिए वाहन लगाए गए। अंतिम दिन सुबह चार बजे सिटी बजने के बाद शेड्यूल अनुसार निर्धारित समय पर जागरण व कार्यकर्ताओं ने 6.30 बजे प्रार्थना-चिंतन व प्राणायाम किया। आठ बजे नाश्ते में पूड़ी-सब्जी- जलेबी तो दोपहर के भोजन में चावल- दाल, बैंगन-लौकी की दो सब्जी,खीर व पापड़ दी गई। दोपहर विश्रम के बाद स्वल्पाहार में फुलकी-चाट और डिनर पैकेट दिए गए। बीएचयू के चिकित्सक दल ने संघ कार्यकर्ताओ का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं भी दी। 


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