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मुख्तार अंसारी गैंग के 11 शातिरों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित, टेंडरों के माध्यम से करते थे वसूली

मुख्तार अंसारी गिरोह पर नगरपालिका सहित टैक्सी स्टैंडों के नाम पर अवैध वसूली करने वाले 11 शातिरों पर पुलिस अधीक्षक ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 06:16 PM (IST)
मुख्तार अंसारी गैंग के 11 शातिरों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित, टेंडरों के माध्यम से करते थे वसूली
मुख्तार अंसारी गैंग के 11 शातिरों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित, टेंडरों के माध्यम से करते थे वसूली

मऊ, जेएनएन। मुख्तार अंसारी गिरोह पर पुलिस की तिरछी नजर है। नगरपालिका सहित टैक्सी स्टैंडों के नाम पर अवैध वसूली करने वाले 11 शातिरों पर पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

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इसमें सुरेश सिंह निवासी भीटी थाना कोतवाली, सउद अब्बासी निवासी वार्ड नंबर 4 मोहम्मदा हमीदनगर कस्बा सैदपुर जनपद गाजीपुर, शिवेंद्र कुमार सिंह निवासी जगदीशपुर थाना हलधरपुर, समरबहादुर निवासी परदहा थाना कोतवाली, अश्वनी कुमार सिंह निवासी इमिलियाडीह थाना सरायलखंसी, झिनकू ङ्क्षसह निवासी परदहां थाना कोतवाली, महेंद्र चौहान निवासी सुल्तानुपर बनौरा थाना दक्षिणटोला, मखंचू यादव निवासी नसोपुर थाना सरायलखंसी, संतोष कुमार निवासी गालिबपुर थाना सरायलखंसी, मंधाता शुक्ला निवासी परदहा थाना कोतवाली तथा धीरज राय निवासी अमारी थाना सरायलखंसी को इनामियां घोषित किया गया है। इसमें मुख्य गैंग लीडर सऊद अब्बासी के साथ सुरेश सिंह व धीरज राय समेत कुल 13 अभियुक्त हैं। जिनमें से 11 अभियुक्तों पर इनाम घोषित किया गया है। साथ ही सऊद अब्बासी, सुरेश सिंह व धीरज राय को अवैध वसूली माफिया के रूप में चिह्नित किया गया है।

यह है मामला

वर्ष 2019-20 के लिए नगरपालिका के टैक्सी स्टैंड के नाम पर टेंडर प्राप्त कर समस्त प्रकार के वाहनों से वसूली कर रहे व्यक्तियों के विरुद्ध तीन एफआइआर थाना सरायलखंसी, कोतवाली व दक्षिणटोला में एफआइआर दर्ज की गई। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। गैंग में सरगना सुरेश सिंह व परोक्ष रूप से वसूली का धन इकटठा करने वाले व्यक्ति सऊद अब्बासी (मुख्तार अंसारी का रिश्तेदार) को भी जेल भेजा गया। पुलिस ने 68 लाख 51 हजार के इस ठेके को निरस्त कराया। नवंबर 2019 में नगर पालिका द्वारा पुन: टेंडर फ्लोट करते हुए प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इसका ठेका धीरज राय द्वारा 75 लाख में प्राप्त किया गया। धीरज राय भी इसी गैंग से संबंधित था। धीरज राय, सहयोगी मांधाता शुक्ला, महेंद्र चौहान को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा।


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