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शासन में वाराणसी के रोपवे का प्रस्ताव, दीपावली बाद परियोजना को हरी झंडी मिलने की उम्मीद

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर चौराहे तक चलेगा रोप-वे। रोपवे की कुल दूरी होगी 4.2 किलोमीटर एक बार में 8 हजार लोग कर सकेंगे सफर। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर हो सकते है सवार हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को उपलब्ध रहेगी ट्रॉली कार।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 10:42 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 03:51 PM (IST)
शासन में वाराणसी के रोपवे का प्रस्ताव, दीपावली बाद परियोजना को हरी झंडी मिलने की उम्मीद
रोप वे का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। दीपावली के बाद प्रस्ताव को हरी झंडी की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। रोप वे का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। दीपावली के बाद प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद निविदा प्रक्रिया प्रारंभ होगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में होने वाली विधानसभा चुनाव को लेकर चिंता भी है। यदि निविदा प्रक्रिया दिसम्बर तक् पूरी नहीं हुई तो जनवरी के पहले सप्ताह बाद किसी समय अधिसूचना जारी हो जाएगी।

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ऐसे में रोपवे के प्रस्ताव पर चुनावी ग्रहण भी लग जायेगा। फिलहाल, रोपवे का प्रोजेक्ट दुनिया का तीसरा और भारत पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चलेगा। शहर में यातायात के दबाव व  पर्यटकों की सुविधा के लिए कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गिरजाघर चौराहे (गोदौलिया ) तक रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। इसके चलने से काशी विश्वनाथ मंदिर,दशाश्वमेध घाट तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। 424 करोड़ की ये परियोजना जल्दी शुरू होगी। वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप वे का इस्‍तेमाल होगा। इससे वाराणसी  में आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी।

पूर्वी भारत का गेट वे कहे जाने वाला वाराणसी तेजी से विकास कर रहा है। इसी क्रम में देश का पहला रोप-वे वाराणसी में कैंट से गिरजाघर तक बनाया जा रहा है। असल में काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढ़ने से अक्‍सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे देशी विदेशी पर्यटकों अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रोप वे बनने से इनको जाम से निजात मिल जाएगी।  बोलीविया देश के लापाज और मैक्सिको शहर के बाद विश्व में भारत तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है। काशी के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए क्योटो के तर्ज  पर अत्याधुनिक तरीके से इसे विकसित किया जा रहा है। वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गिरजाघर चौराहे तक कुल चार स्टेशन होंगे। इसमे कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा ,रथयात्रा और गिरजाघर चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा।

रोपवे की कुल दूरी 4.2 किलोमीटर है। जो करीब 15 मिनट में तय होगी। करीब 45 मीटर की ऊंचाई पर ट्रॉली कार चलेगी। इसमें 220 ट्रॉली होंगी । एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते है। हर देढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक  बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 8000 लोग दोनों दिशा से एक बार में आ जा सकेंगे। रोप वे रात में भी चलेगा। इस परियोजना पर 80 फीसदी भारत सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी।

वीडीए की उपाध्यक्ष ईशा दुहन के मुताबिक रोप -वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला ,धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। रोप वे की ट्रॉली पर भी काशी की थांती परिलक्षित  हो सकती है। कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज़ है। इसलिए कैंट स्टेशन पर रोप वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को सुविधा होगी।


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