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वाराणसी में जल संरक्षण की हवा निकाल रहा लीकेज, हजारों लीटर पानी बर्बादी संग सड़कें भी हो रहीं खराब

बांसफाटक स्थित जालान सिंथेटिक के पास कई दिनों से पाइप लाइन टूटी है। सैंकड़ों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा है लेकिन कब समस्या दूर होगी मालूम नहीं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 01:07 PM (IST)
वाराणसी में जल संरक्षण की हवा निकाल रहा लीकेज, हजारों लीटर पानी बर्बादी संग सड़कें भी हो रहीं खराब
वाराणसी में जल संरक्षण की हवा निकाल रहा लीकेज, हजारों लीटर पानी बर्बादी संग सड़कें भी हो रहीं खराब

वाराणसी, जेएनएन। बांसफाटक स्थित जालान सिंथेटिक के पास कई दिनों से पाइप लाइन टूटी है। सैंकड़ों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा है लेकिन कब समस्या दूर होगी मालूम नहीं। नई सड़क, दुर्गाकुंड, जलकर संस्थान के पास भी यही हाल है। भवनिया पोखरी से संकुलधारा तक सड़क बनाने के लिए लोकनिर्माण विभाग ने पुरानी सड़क तोड़कर बनाना शुरू किया था। इस दौरान पेयजल पाइप लाइन टूट गई। 

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पीडब्ल्यूडी ने टूटी पाइप लाइन बनाने की बजाए उसी पर सड़क बना दी। अब वहां से धीरे-धीरे लीकेज पानी सड़क के ऊपर बहने लगा है। कमोवेश यही हाल कचहरी स्थित सर्किट हाउस के पास है। इसी प्रकार सारनाथ में जापानी और तिब्बती बौद्ध मंदिर के पास कई दिनों से पेयजल पाइप लाइन खराब पड़ी है। इसे दुरुस्त न करना जलकल व जल निगम के अफसरों व कर्मियों की लापरवाही है। खास यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहां तीन-तीन मंत्री रहते हैं। भाजपा के कई बड़े नेता भी शहर में निवास करते हैं। इसके बाद भी लापरवाही जारी है जबकि प्रधानमंत्री जल संरक्षण को लेकर अति गंभीर हैं। लगता है अफसरों को किसी का डर नहीं है।

गिरता जा रहा भूजल का स्तर 

पानी का जलस्तर से तेजी से नीचे गिर रहा है, जल संरक्षण को लेकर सरकार जागरूकता अभियान चला रही है। पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ सरकार कड़े कानून बनाने की बात कर रही है लेकिन, जलकर अफसरों को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है। जलकर अफसर कार्यालय छोड़कर बाहर निकले तो शायद उन्हें हकीकत सामने दिखाई पड़े।  

शिकायत के बाद भी नहीं हुआ दुरुस्त 

गर्मी शुरू होने के साथ शहर में पेयजल संकट गहराने लगता है। इससे पहले जलकर संस्थान को पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए लेकिन, तैयारी कौन करें, यहां तो लीकेज भी बंद नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम और जलकल के कंट्रोल रूम में आए दिन पाइप लाइन लीकेज की शिकायत आने के बाद भी उसे बंद नहीं कर पा रहे हैं। शिकायत आने के साथ क्षेत्र के जेई को मोबाइल पर एसएमएस या वाट्एस पर चला जाता है। लेकिन, समय से अभियंता लीकेज को सही नहीं कराते हैं जिससे पानी बर्बाद होने के साथ सड़क खराब होती है।

ट्रांस वरुणा की स्थिति खराब  

ट्रांस वरुणा में लोगों के घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए सारनाथ में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। जल निगम के अफसरों और ठीकेदारों ने योजना का पलीता निकाल दिया। पुरानी पाइपलाइन में पानी का कनेक्शन जोड़ दिया, नतीजा सामने है। आए दिन जगह-जगह पाइप लाइन लीकेज करने के साथ सड़क पर पानी बहते रहते हैं। सड़कें बर्बाद होने के साथ आवागमन बाधित होता है लेकिन इन अफसरों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे पाइपलाइन लीकेज को तीन से चार दिन बाद बनाने पहुंचते हैं, तब तक सड़कें बर्बाद हो जाती है। राहगीरों को परेशानी अलग से होती है।  

- पुरानी पाइप लाइन के चलते थोड़ी दिक्कत है लेकिन सूचना मिलने के साथ उसे दुरुस्त किया जा रहा है। कोशिश है कि पानी बर्बाद नहीं हो। -नीरज गौंड, महाप्रबंधक जलकल


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