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पूर्वांचल की नदियों में उफान तो दूसरी ओर गंगा और सरयू की लहरों ने किया परेशान

गंगा का रुख लगातार बढ़ाव की ओर है तो दूसरी ओर सरयू का जलस्तर स्थिर होने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में कटान कर जमीन को निगल भी रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:41 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 07:07 PM (IST)
पूर्वांचल की नदियों में उफान तो दूसरी ओर गंगा और सरयू की लहरों ने किया परेशान
पूर्वांचल की नदियों में उफान तो दूसरी ओर गंगा और सरयू की लहरों ने किया परेशान

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में नदियों का रुख इन दिनों दुश्वारी की ओर है। गंगा का रुख लगातार बढ़ाव की ओर है तो दूसरी ओर सरयू का जलस्तर स्थिर होने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में कटान कर जमीन को निगल भी रही है। बाढ़ की स्थिति होने से तटवर्ती डूबे इलाकों में राहत सामग्री का वितरण न होने से अब प्रभावित लोगों के सामने भोजन पानी की समस्या आ गई है। जबकि निचले इलाकों में फसल डूबने से पशुओं के हरे चारे पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। साथ ही लंबे समय से पानी भी डूबी धान की फसल भी अब सड़कर नष्ट होने के कगार पर है।

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केंद्रीय जल आयोग की आेर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बलिया जिले के तुर्तीपार में सरयू का जलस्‍तर सुबह 64.39 मीटर पर स्थिर बना हुआ था। इस लिहाज से जिले में सरयू नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही है। जबकि सोनभद्र में सोन नदी और रिहंद बांध का जलस्‍तर भी इस समय बढ़ाव की ओर बना हुआ है। आने वाले दिनों में जलस्‍तर में कमी के संकेत हैं मगर कटान की स्थिति बनी रहने से तटवर्ती इलाकों में दुश्‍वारी तय है।

सोमवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मीरजापुर में 72.83 मीटर, वाराणसी में 67.45 मीटर, गाजीपुर में 61.16 और बलिया में 57.64 मीटर जलस्‍तर गंगा में दर्ज किया गया। इस प्रकार बीते चौबीस घंटों में बलिया जिले में सरयू के बाद गंगा नदी भी खतरा बिंदु पार कर गई है। बलिया जिले में गंगा का खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। जबकि बलिया में आगे गंगा का रुख बढ़ाव का है वहीं पूर्वांचल के अन्‍य जिलों में गंगा का जलस्‍तर स्थिर है।

बलिया में गंगा के बाढ़ का पानी ओवरफ्लो

बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपालपुर में दशरथ प्रजापति के मकान के सामने सोमवार दोपहर दो बजे के लगभग गंगा के बाढ़ के पानी  के ओवरफ्लो होकर गांव की ओर बढ़ने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। दो दिन पहले यही से हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए बाढ़ विभाग द्वारा बालू से भरी बोरियां डाली गई थी। लेकिन सोमवार को उन बोरियों के नीचे से रिसाव होने लगा। जिस कारण गांव में अफरा तफरी का माहौल बन गया। ग्रामीणों की सूचना पर एसडीएम बैरिया सुरेश कुमार पाल ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण के उपरांत रिसाव रोकने के लिए बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को मौके पर से ही मोबाइल पर निर्देश दिए। हालांकि दोपहर बाद तक रिसाव रोकने के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा है। अगर रिसाव इसी तरह जारी रहा तो गांव में पानी पूरी तरह से प्रवेश कर जाएगा।


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