पूर्वांचल में गंगा नदी में उफान से तटवर्ती इलाकों में चिंता, सरयू खतरे के निशान से ऊपर
पूर्वांचल में नदियाें का रुख इन दिनाें तल्खी की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में नदियाें का रुख इन दिनाें तल्खी की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बलिया के तुर्तीपार में सरयू का 64.36 मीटर पर जलस्तर स्थिर बना हुआ है। जबकि गंगा का जलस्तर मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर आैर बलिया में बढ़ाव की ओर है जबकि बलिया जिले में गंगा इस समय चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही हैं।
दूसरी ओर गंगा का रुख तल्खी की ओर होने से इससे जुडे़ नदी और नालों में पलट प्रवाह की स्थिति भी बन रही है। इस लिहाज से वरुणा के किनारे रहने वाले लोगों में भी चिंता का माहौल है। जबकि बीते वर्ष बाढ़ की चपेट में आए लोग अभी से अपनी दूसरी व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं। जबकि दूसरी ओर केंद्रीय जल आयोग की ओर से रविवार की दोपहर में जारी रिपोर्ट में बताया गया कि मीरजापुर में गंगा नदी में घटाव का रुख है जबकि वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी का जलस्तर इस समय स्थिर है। जौनपुर में गोमती नदी में घटाव का रुख है तो सोनभद्र के रिहंद बांध में बढ़ाव और सोन नदी में घटाव का रुख है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बढ़ी दुश्वारी
मऊ, आजमगढ़ और बलिया आदि जिलों के निचले इलाकों में सरयू का पानी कई दिनों से भरा होने की वजह से लोगों का आवागमन बाधित है। कई इलाकों में आवागमन का साधन मात्र नौका ही है। वहीं कई इलाकों में कटान होने से कीमती जमीन नदी की भेंट चढ़ रही है। पशुअों के चारे की समस्या होने से नाव से चारा लाकर खिलाने की दुश्वारी भ्ाी बाढ़ प्रभावित इलाकों में आम है। वहीं राहत सामग्री का वितरण न होने से कई दिनाें से बाढ़ में फंसे लोगाें के सामने अब भोजन और साफ पानी की समस्या होने लगी है।