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रिंगरोड निर्माण को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद आखिरकार शुरू हुआ काम

मिर्जामुराद क्षेत्र के रखौना गांव में सोमवार की दोपहर रिंगरोड फेज टू का काम शुरू होते ही ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 07:39 PM (IST)
रिंगरोड निर्माण को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद आखिरकार शुरू हुआ काम
रिंगरोड निर्माण को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद आखिरकार शुरू हुआ काम

वाराणसी, जेएनएन। मिर्जामुराद क्षेत्र के रखौना गांव में सोमवार की दोपहर रिंगरोड फेज टू का काम शुरू होते ही ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया। तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम संग ग्रामीणों की भी जमकर नोंकझोक हुई। पुलिसकर्मियों को इस दौरान हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा। महिलाएं खेत मे मशीन के सामने लेट गईं। एनएचएआई के पीडी एसपी सिंह ने मौके पर पहुंच मुआवजा के लिए विरोध जता रहे किसानों को समझा-बुझाकर दो घण्टे बाद काम शुरू कराया। मारवाड़ी हिन्दू अस्पताल (नेत्र ज्योति विभाग) की चहारदीवारी को भी जेसीबी से तोड़ दिया गया।

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हाइवे किनारे रखौना गांव में रिंगरोड फेज टू के बाबत प्लाईओवर बनाने हेतु तहसीलदार (राजातालाब) मनोज पाठक व सीओ बड़ागांव अर्जुन सिंह के नेतृत्व में मिर्जामुराद थाना प्रभारी वैभव सिंह समेत कई थानाें की पुलिस फोर्स, महिला सिपाही, राजस्वकर्मी व सड़क निर्माण में लगी एनएचएआई कम्पनी के अधिकारी कैटरपिलर व जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे। किसान लालजी पटेल, अर्जुन पटेल व गिरिजाशंकर पटेल का हाइवे किनारे खेत है।किसानों से वार्ता विफल होने पर अधिकारियों के निर्देश पर खेत की भूमि में प्लाईओवर के निर्माण हेतु पिलर निर्माण के बाबत कैटरपिलर व जेसीबी मशीन लगाई गई।

खेत मे लगी खड़ी उतैला की फसल को रौंदते ही किसान उग्र हो गए। महिला-पुरुष किसानों की पुलिसकर्मियों से जमकर नोंकझोक के साथ हाथापाई तक हो गई। पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी इस दौरान किसानों पर करना पड़ा। महिलाएं मशीन के आगे आकर खेत मे लेट गईं। किसानों का कहना रहा कि जब तक सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा नही मिलेगा, हमलोग काम नही शुरू होने देंगे। हम लोगों द्वारा दाखिल आपत्ति का भी अभी तक निस्तारण नही हुआ। किसानों का कहना था कि मुआवजा दिए बगैर फोर्स के बल पर जबरन खेतों में मशीन चलवाना तानाशाही है।

एनएचएआई के पीडी ने किसानों की बात सुनने के बाद फार्म भर कर मुआवजा ले लेने की नसीहत देते हुए उन्हें समझाया। फसल लगी खेत मे दो दिन बाद काम करवाने की बात कह उग्र किसानों को शांत किए। हाइवे की दूसरी पटरी पर स्थित आंख के मारवाड़ी हिन्दू अस्पताल की चहारदीवारी को भी तोड़ा गया। विरोध प्रदर्शन में कन्हैयालाल पटेल, अशोक पटेल, सत्यनारायण, दीनानाथ, चन्द्रमा प्रसाद, श्रीराम, दयाशंकर, लल्लू, दुर्गावती, विमला, प्रभावती, गुलाबी समेत दर्जनों महिला-पुरुष किसान शामिल रहे। इस दौरान चिलचिलाती धूप में मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स पीने के पानी के लिए परेशान दिखा तो ग्रामीण मानवता दिखा पुलिसकर्मियों के लिए पानी की व्यवस्था करते रहे। ग्रामीण कहते रहे कि ल भईया पानी पी ल, लड़ाई-झगड़ा त होत रही।

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