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बलिया में गंगा के जल स्तर के दबाव से दूबे छपरा रिंग बांध टूटा, कई गांव जलमग्न

गंगा के जल स्तर के दबाव के चलते एनएच-31 से जुड़े दुबेछपरा रिंग बंधा सोमवार को एक बार फिर टूट गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 05:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 10:12 PM (IST)
बलिया में गंगा के जल स्तर के दबाव से दूबे छपरा रिंग बांध टूटा, कई गांव जलमग्न
बलिया में गंगा के जल स्तर के दबाव से दूबे छपरा रिंग बांध टूटा, कई गांव जलमग्न

बलिया, जेएनएन। गंगा के जल स्तर के दबाव के चलते एनएच-31 से जुड़े दुबेछपरा रिंग बंधा सोमवार को एक बार फिर टूट गया। रिंग बंधा के टूटने से इसकी जद में आए कई गांवों की लगभग 65 हजार की आबादी जलमग्न हो गई है। सोमवार को पूर्वाहृन रिंग बंधा का 70 फीसद हिस्सा कट चुका था। इसके बाद प्रशासन ने लाउडीस्पीकर से घोषणा की कि रिंग बंधा टूटने वाला है, रिंग बांध के घेरे में जितने भी लोग हैं, वह गांव से निकल कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। यह सुन सबकी बेचैनी अचानक बढ़ गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही देर के बाद लोग चिल्लने लगे...भागो..रे भागो, टूट गया है दूबे छपरा रिंग बांध। इससे कई गांवों में भगदड़ मच गया। यह रिंग बांध वर्ष 2016 में भी टूटा था और अचानक बांध के अंदर के कई गांव रात में ही जलमग्न हो गए थे।  

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करीब दो दर्जन गांव जलमग्न

बांध टूटने के कारण करीब दो दर्जन गांव की ३५ हजार से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। बलिया का जिला प्रशासन बीते कई दिनों से इस बांध को बचाने की कोशिश में लगा था। इसकी मजबूती के लिए शासन ने लगभग 29 करोड़ का बजट जारी किया था, जिससे विभाग ने पिछले वर्ष से ही बोल्डर आदि का काम कराया था। इधर बचाव में भी लगभग 12 करोड़ खर्च होने की बात बताई जा रही है। इसके बावजूद बंधा का सुरक्षित न बच पाना अचरज में डालने वाला है। इससे स्पष्ट है कि बंधा की मरम्मत करने वाली कार्यदायी संस्था, जन प्रतिनिधियों व अफसरों ने व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर सरकारी धन का बंदरबांट किया है।

 इलाकाई लोग बांध टूटने के बाद काफी आक्रोशित हैं। वह अब किसी की भी कोई बात सुनना नहीं चाहते। गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि यहां कार्य कराने के नाम पर जमकर घोटाला किया गया है। यदि ईमानदारी से यहां कार्य हुआ होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। इस रिंग बंधे का निर्माण १९५२ में गीता प्रेस गोरखपुर ने कराया गया था। करीब तीन किलोमीटर की लंबाई के इस बांध की मजबूती के नाम पर करोड़ों रुपये अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ठेकेदार हजम कर गए। 

बंधे के घेरे में हैं ये गांव

दूबे छपरा रिंग बांध के घेरे में उदई छपरा, गोपालपुर, दूबे छपरा, प्रसाद छपरा, गुदरी सिंह के टोला, बुद्धन चक, मिश्र गिरी के मठिया, टेंंगरहीं, चितामण राय के टोला, मिश्र के हाता सहित दर्जन भर गांवों की हजारों की आबादी बांध के टूटने से जलमग्न हो गई है। इसके अलावा पीएन इंटर कालेज, डिग्री कालेज, स्वास्थ्य केंद्र, आयुर्वेदिक अस्पताल सहित सभी जलमग्न हैं। प्रभावित गांवों के लोग अपने पशुओं को खोल दिए, बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थानों पर भागने लगे। मौके पर मौजूदा अधिकारियों को पीड़ित ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।


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