सूचना का अधिकार : सूचना न देने पर फंसे मऊ के बीएसए, 25 हजार रुपये लगा अर्थदंड
सूचना का अधिकार-2005 के तहत मांगी गई एक जनसूचना का अपूर्ण जवाब देने और राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित न होने के कारण जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया गया है।
मऊ, जेएनएन। सूचना का अधिकार-2005 के तहत मांगी गई एक जनसूचना का अपूर्ण जवाब देने और राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित न होने के कारण जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया गया है। राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने आयोग के रजिस्ट्रार को अर्थदंड की वसूली बीएसए के वेतन से तीन समान किस्तों में करने का आदेश दिया है।
दिसंबर-2018 में अलीबिल्डिंग सहादतपुरा निवासी विनोद कुमार वर्मा पुत्र स्व.भृगुनाथ वर्मा ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से आठ बिंदुओं पर शहर के गोल्डेन चिल्ड्रेन स्कूल कालीचौरा, मुंशीपुरा के बारे में जनसूचना मांगी थी। सूचना मांगने वाले विनोद वर्मा का आयोग में कथन था कि उन्हें भ्रामक और अपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराई गईं। प्रस्तुत पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से आयोग ने भी यह माना कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दी गई सूचनाएं अपूर्ण एवं भ्रामक हैं।
अपना पक्ष रखने के लिए जब जन सूचना अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आयोग ने रजिस्टर्ड नोटिस भेजकर तलब किया तब भी वह अपना पक्ष रखने के लिए आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए। इस प्रकार वादी को जानबूझकर वांछित सूचनाएं उपलब्ध न कराने, आयोग के पूर्व आदेशों की अवहेलना करने तथा प्रकरण में शिथिलता बरते जाने का दोषी करार देते हुए आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा-20(1) के तहत 25000 रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही 10 दिनों के भीतर मांगी गई जनसूचना का सही जवाब तैयार कर वादी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।