Right To Education : निजी स्कूल मुफ्त दाखिला लेने में कर रहे हीलाहवाली, जारी हुई नोटिस
कई विद्यालयों ने राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला अब तक नहीं लिया। वर्तमान सत्र के नौ माह बीत जाने के बाद भी करीब 150 अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावक स्कूल से लगायत बीएसए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। तमाम चेतावनी के बाद भी जनपद के कई विद्यालयों ने राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला अब तक नहीं लिया। वर्तमान सत्र के नौ माह बीत जाने के बाद भी करीब 150 अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावक स्कूल से लगायत बीएसए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। ताला बंद होने के कारण कई विद्यालयों में बच्चों का दाखिला नहीं हो सका। वहीं कुछ विद्यालयों ने अब अगले सत्र में संपर्क करने का आश्वासन देकर टाल गए।
निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है। इसके तहत सभी निजी विद्यालयों चयनित बच्चों की सूची भेजी गई है। वहीं करीब 150 बच्चों का अब तक निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हो सका है। कई स्कूल मुफ्त दाखिला लेने के नाम पर अभिभावकों को दौड़ा रहे हैं। जबकि नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो गया है। तमाम स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी है।
दाखिला के फेर में ऐसे बच्चों का एक साल बर्बाद हो गया। इसे लेकर कई अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि ऐसे 15 विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस दी गई थी। नोटिस मिलने के बाद कई ज्यादातर विद्यालयों ने बच्चों का दाखिला ले लिया। कई विद्यालयों का ताला न खुलने के कारण दाखिला नहीं हो सका है। इस श्रेणी में छोटे विद्यालय शामिल है।
किताब-कापी का भी मिलता है पैसा
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को कापी-किताब व ड्रेस के लिए पांच हजार रुपये मिलने का भी प्रावधान है। इसके अलावा शासन स्कूलों को प्रतिबच्चे 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति भी देती है।