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गूगल से की जाएगी धान क्रय केंद्रों की निगरानी, क्रय केंद्रों की होगी जीओ टैगिंग

धान खरीद में क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ जहां घपलेबाजी की जाती थी वहीं भुगतान में भी देरी की जाती थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 04:43 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 04:43 PM (IST)
गूगल से की जाएगी धान क्रय केंद्रों की निगरानी, क्रय केंद्रों की होगी जीओ टैगिंग
गूगल से की जाएगी धान क्रय केंद्रों की निगरानी, क्रय केंद्रों की होगी जीओ टैगिंग

मऊ, जेएनएन। धान खरीद में क्रय केंद्रों पर किसानों के साथ जहां घपलेबाजी की जाती थी वहीं भुगतान में भी देरी की जाती थी। इसे देखते हुए शासन ने किसानों की सहूलियत के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब सभी धान क्रय केंद्रों को ऑनलाइन करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। यानी अधिकारी कहीं भी बैठकर किसी भी धान क्रय केंद्र व राइस मिल की निगरानी कर सकेगा। इससे घपले पर जहां ब्रेक लगेगा वहीं किसान धान क्रय केंद्रों पर अधिक से अधिक धान बेचेंगे। किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले बिचौलियों पर ब्रेक लग जाएगा। इसके तहत जनपद के सभी क्रय केंद्रों व राइस मिलों पर जीओ टैगिंग का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। अब तक कुल 1018 किसानों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है।

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जनपद में कुल 35 धान क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। शासन द्वारा राइस मिलो, भारतीय खाद्य निगम, डिपो एवं सभी क्रय केंद्रों की जीओ टैगिंग कराई जा रही है। इससे क्रय केंद्रों, चावल मिलों तथा भारतीय खाद्य निगम डिपो पर जहां एक ओर उच्च स्तरीय मानीटरिंग की व्यवस्था बन जाएगी वहीं दूसरी ओर जनपद में क्रय धान के सापेक्ष संप्रदान होने वाले चावल की ऑनलाइन व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी और बिलों के भुगतान में समय की बचत होगी। इससे एजेंसियों द्वारा किसानों के भुगतान में भी विलंब नहीं होगा। यही नहीं सभी राइस मिल मालिकों ने ई-उपार्जन पोर्टल में पंजीकरण करा लिया है। इस पोर्टल में राइस मिलर बीते तीन वर्षों में की गई धान खरीद का ब्यौरा भी दर्ज करा चुके हैं।

कुटाई में नहीं हो पाएगा खेल

धान खरीद के साथ ही कुटाई कराने में सरकारी विभाग के अफसर खेल करते थे। शासन ने निर्देश दिए हैं कि जिस जनपद में धान खरीद होगी, उसी जनपद की राइस मिल में कुटाई भी की जाएगी। पूर्व में अफसर ट्रांसपोर्ट चार्ज हड़पने के चक्कर में आस-पास के जनपदों में जान-बूझकर धान कुटाई का कार्य कराते थे, ताकि ट्रांसपोर्ट के नाम पर मोटी रकम डकारी जा सके। सरकार के नए फरमान के बाद अब ऐसा नहीं होगा। धान खरीद केंद्रों के साथ ही राइस मिलों की जीयो टैगिंग होने से ऑनलाइन धान खरीद की निगरानी की जाएगी।

बोले अधिकारी

धान खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इस बार राइस मिलों के साथ ही धान खरीद केंद्रों की जियो टैगिंग की जा रही है। शासन से मिले लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करा सकें। -विपुल कुमार सिन्हा, डिप्टी आरएमओ।


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