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बलूचिस्तान की आजादी के लिए काशी में विश्व शांति यज्ञ, हिंगलाज देवी शक्तिपीठ की वापसी का संकल्प

पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान की आजादी और हिंगलाज देवी शक्तिपीठ की वापसी का संकल्प लेकर काशी में विश्व शांति यज्ञ में आहुति डाली गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 02:40 AM (IST)
बलूचिस्तान की आजादी के लिए काशी में विश्व शांति यज्ञ, हिंगलाज देवी शक्तिपीठ की वापसी का संकल्प
बलूचिस्तान की आजादी के लिए काशी में विश्व शांति यज्ञ, हिंगलाज देवी शक्तिपीठ की वापसी का संकल्प

वाराणसी, जेएनएन। भारत की पवित्र भूमि और शक्ति पीठों की वापसी, इस्लामी जेहादियों से मुक्ति के लिए पातालपुरी धर्म रक्षा परिषद द्वारा पातालपुरी मठ नरहरपुरा में 11 दिवसीय हनुमान चालीसा का 108 बार हवनात्मक यज्ञ का अनुष्ठान किया जा रहा है। यज्ञ के पांचवें दिन मंगलवार को पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास की अध्यक्षता में पांच वैदिक ब्राह्मणों श्रीराम तिवारी, आनंद मिश्रा, जुगल किशोर तिवारी, चंद्रभूषण पाठक एवं पंडित वेदप्रकाश मिश्र द्वारा विधि विधान से पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान की आजादी और हिंगलाज देवी शक्तिपीठ की वापसी का संकल्प लेकर यज्ञ में आहुति डाली गई।

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विश्वशांति में बाधा उत्पन्न करने वाले कारकों को एक-एक कर खत्म करने के लिए यज्ञ में सभी लिंग और जातियों के लोग न सिर्फ भाग ले रहे हैं, बल्कि अनुष्ठान प्रक्रिया को भी पूरा कर रहे हैं। यज्ञ में मुख्य यजमान अयोध्या श्रीराम पीठ के केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख डा. राजीव श्रीवास्तव, विशाल भारत संस्थान की महासचिव अर्चना भारतवंशी, सुभाष मंदिर की पुजारी खुशी रमन भारतवंशी थीं। डा. श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व शांति के लिए बलूचिस्तान की आजादी जरूरी है। हिंदुओं के जितने मंदिर, मठ, पवित्र स्थान पर दूसरे धर्म के लोगों ने कब्जा किया है स्वत: हिंदुओं को वापस सौंप दें। इससे सभी धर्म के लोग शांति की ओर कदम बढ़ा पायेंगे। अयोध्या श्रीराम पीठ के केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख डाक्‍टर राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वशांति के लिये बलूचिस्तान की आजादी जरूरी है। हिंदुओं के जितने मन्दिर, मठ, पवित्र स्थान पर दूसरे धर्म के लोगों ने कब्जा किया है स्वतः हिंदुओं को वापस सौंप दें। इससे सभी धर्म के लोग शांति की ओर कदम बढ़ा पायेंगे। अशांति के कारणों को दूर किये बिना शांति की स्थापना सम्भव नहीं है। विश्व समुदाय को यह सोचना चाहिये कि इस्लामी आक्रांताओं द्वारा हिंदुओं के पवित्र धर्मस्थलों को विध्वंस करने और कब्जा करने के बाद भी हिन्दू समाज ने सहिष्णुता का परिचय दिया और दूसरे के धर्मस्थल पर कभी कब्जा नहीं किया। इस यज्ञ में डा. निरंजन श्रीवास्तव, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, संदीप चौरसिया, भैयाजी जायसवाल, धनंजय यादव, सनी ङ्क्षसह, दक्षिता भारतवंशी आदि ने आहुति डाली।


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