पूर्व प्रधानमंत्री Chandrashekhar के विचारों पर चलने का संकल्प, 93वीं जयंती पर पुरानी यादें हुईं ताजा
देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच इस बार बलिया की पहचान युर्वा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 93वीं जयंती पर सार्वजनिक रूप से कोई सभा का आयोजन नहीं किया गया।
बलिया, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच इस बार बलिया की पहचान युर्वा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 93वीं जयंती पर सार्वजनिक रूप से कोई सभा का आयोजन नहीं किया गया। अपने नेता को इस बार लोगों ने जगह-जगह अलग अंदाज में याद किया। कहीं घर के अंदर लोगों ने श्रद्धा भाव से उन्हें पुष्प अर्पित किए तो कहीं संस्थागत लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जयंती की परंपरा का निर्वाह किया। युवा तुर्क के अधूरे कार्याें को पूरा करने तथा उनके विचारों पर चलने का संकल्प लिया गया।
गांव-गरीब की सदैव चिंता करते थे चंद्रशेखर : रविशंकर सिंह
युवा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 93वीं जयंती पर कोरोना महामारी के कारण सदस्य विधान परिषद रविशंकर ङ्क्षसह पप्पू ने अपने आवास पर चंद्रशेखरजी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। चंद्रशेखर की यादों को ताजा करने के क्रम में उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल 2004 को चंद्रशेखर जी ने अपना 75 वां वर्ष पूरा किया था। उस समय देश में लोकसभा चुनाव हो रहा था। चंद्रशेखरजी बलिया में थे और मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय के सभागार में उनके जन्मदिन का उत्सव मनाया जा रहा था। तब के समय में चंद्रशेखरजी द्वारा कही एक-एक बात आज मन को मथती रहती है। उन्होंने कहा था कि एक छोटे से गांव में नंगे पांव चलने वाला एक बालक अगर दिल्ली की संसद में चला जाता है तो वह उस ङ्क्षजदगी को भूल जाता हैं, लेकिन मेरे जेहन से गांव का वह जीवन कभी नहीं निकलता। रविशंकर ने कहा कि बाबा चद्रशेखर ऐसे इंसान थे जो किसी भी गरीब की माली हालत देख उस पर मोहित हो जाते थे। इस मौके पर उनके पुत्र उत्कर्ष ङ्क्षसह, अमित सिंह बघेल भी मौजूद रहे। इसी क्रम में शेखर फाउंडेशन के अध्यक्ष और पूर्व ब्लाक प्रमुख अनिल ङ्क्षसह ने भी संस्था की ओर से उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पूर्व पीएम को बिल्थरावासियों ने किया नमन
पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी के 93वीं जयंती पर बिल्थरावासियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की और बिल्थरारोड बलिया की मिट्टी के लाल पूर्व पीएम को नमन किया। पीएम के पैतृक गांव इब्राहिमपट्टी गांव में लोगों ने नम आंखों से जयंती मनाया और कोरोना से घोषित लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों ने घरों में ही उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। बिल्थरारोड में एमएलसी रविशंकर ङ्क्षसह पिक्कू, नपं चेयरमैन दिनेश कुमार गुप्ता, प्रधान संघ अध्यक्ष आलोक सिंह, दीपक सिंह, चंदन, सपा नेता प्रशांत कुमार मंटू, सुनील कुमार टिंकू, पूर्व विधायक गोरख पासवान व पैक्सफेड के पूर्व चेयरमैन छटठू राम आदि ने भी पूर्व पीएम को नमन किया और लॉकडाउन के कारण सोशल साइटस आदि पर श्रद्धांजलि संदेश अर्पित किया।
जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन
पूर्व पीएम चन्द्रशेखर की जन्मदिन पर शुक्रवार को चन्द्रशेखर मैराथन समिति व ब्लू क्रास आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान मे बसंतपुर में शिव मंदिर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें कुल 14 यूनिट ब्लड डोनेट कर जिला अस्पताल को सुपुर्द किया गया। चिकित्सकों की टीम की देखरेख में यह शिविर लगा। समिति के सचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में ब्लड की अत्यंत जरूरत है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ब्लड रूपी सहयोग देना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
सेवा संस्थान ने भी दी श्रद्धांजलि
बैरिया विधान सभा में गठित लोकनायक सेवा संस्थान के संस्थापक शैलेश ङ्क्षसह सहित अन्य सदस्यों व पदाधिकारियों ने भी लॉकडाउन के नियमों पालन करते हुए अपनों घरों पर ही युवा तुर्क के चित्र पर पूष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। वहीं कोरोना वायरस से आमजनमानस को बचाने के भगवान से प्रार्थना किया वे इस संकट से देश को जल्द उबारें।
अध्यापक ने बनाई आकृति
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर उन्हें नमन स्वरूप भारत के नक्शे पर उनकी आकृति बनाकर अध्यापक द्वारा श्रदांजलि दी गई। लॉकडाउन के चलते शिक्षा क्षेत्र रेवती अंतर्गत कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय गायघाट के अध्यापक राजीव मौर्य अवकाश पर अपने गांव गए हैं। वहीं पर भारत के नक्शे पर उन्होंने चंद्रशेखर की आकृति बनाकर अपनी श्रद्धांजलि दी।
अपने दरवाजे पर दी श्रद्धांजलि
युवा तुर्क कर जयंती पर रामपुर असली में पूर्व प्रमुख योगेन्द्र नाथ ङ्क्षसह, नराछ में सपा नेता संजय यादव, सलेमपुर मे दिग्विजय सिंह, कुरेजी में रामजन्म पांडेय, सवन में जगदीश सिंह, बलेसरा में वीरेन्द्र सिंह व छिब्बी में अरविन्द सिंह अपने घरों में मनाई। इसके अलावा चंद्रशेखर को चाहने वाले अन्य लोगों ने भी उन्हें श्रद्धा भाव से याद किया।