महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन तीन साल बाद कराएगा शोध प्रवेश परीक्षा Varanasi news
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन तीन साल बाद शोध प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए आवेदन 20 अगस्त तक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन तीन साल बाद शोध प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए आवेदन 20 अगस्त तक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। वहीं विवि व संबद्ध कालेजों के विभिन्न विषयों में करीब 250 सीटों के लिए आवेदन ऑनलाइन करने की सूचना 15 अगस्त तक जारी होने की संभावना है। इससे पहले विद्यापीठ ने वर्ष 2016 में छह नवंबर को शोध प्रवेश परीक्षा कराई थी। इसके बावजूद कई महाविद्यालयों ने चयनित अभ्यर्थियों का अब तक पंजीकरण नहीं किया है।
कई संबद्ध कालेज सीट रिक्त नहीं होने का हवाला देकर शोध में पंजीकरण को लेकर हीलाहवाली कर रहे हैं। इसे देखते हुए इस वर्ष विद्यापीठ प्रशासन वाराणसी सहित पांच जिलों के पीजी स्तर के राजकीय व अनुदानित कालेजों से रिक्त सीटों का विवरण पहले ही मंगा चुका है। वाराणसी के अलावा चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र जनपद के कालेजों के विभिन्न विषयों में करीब 250 सीटें रिक्त हैं। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि शोध में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की पूरी तैयारी है। इसकी सूचना अगले सप्ताह तक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। अब हर साल होगी शोध प्रवेश परीक्षा नैक ने विश्वविद्यालय को 'सी' ग्रेड मिलने के बाद गत दिनों आक्यूएसी की बैठक में हर साल शोध प्रवेश परीक्षा का निर्णय लिया गया था। दरअसल रिसर्च के मानक पर विवि काफी पीछे था। इसकी प्रमुख वजह पीएचडी में तीन साल से प्रवेश न होना भी बताया जा रहा है।
नेट, जेआरएफ को प्रवेश परीक्षा से छूट : यूजीसी के मानक के अनुसार नेट, जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शोध प्रवेश परीक्षा से छूट रहेगी। इन अभ्यर्थियों का शोध में पंजीकरण के लिए साक्षात्कार व शैक्षणिक रिकार्ड के आधार पर अलग से मेरिट बनाई जाएगी। उन्हें प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। यूजीसी के मानक के अनुसार एक अध्यापक के निर्देशन में अधिकतम शोधार्थियों की संख्या इस प्रकार है। 08 प्रोफेसर 06 एसोसिएट प्रोफेसर 04 असिस्टेंट प्रोफेसर।
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