वाराणसी मंडल के जिलों से ब्लैक स्पाट्स चिह्नित कर मांगी गई है रिपोर्ट, तत्काल कराएं जाएंगे ठीक : कमिश्नर
ब्लैक स्पाट्स को चिह्नित कर तत्काल चंदौली गाजीपुर जौनपुर के आरटीओ को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। तकनीकी टीम की अगुवाई में इसे तत्काल ठीक करा लिया जाएगा। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को सहयोग करने के लिए नगर निगम विकास प्राधिकरण लोक निर्माण विभाग को भी निर्देशित किया गया।
वाराणसी। सड़कें समृद्धि से जुड़ी होती हैं। वहीं सड़कें यातायात को सुगम व कारोबार को आसान बनाती हैं। विकास का द्वार खोलती हैं। अर्से से उपेक्षित पूर्वांचल अब संसाधन से लैस होता दिख रहा है तो वहीं उद्यम को भी पंख लग रहे हैं। इन सबके बीच चमचमाती इन सड़कों पर हादसे लोगों को डरा भी रहे हैं। आए दिन के हादसे में कोई न कोई अपने खास को खो रहा है। इसके पीछे कई कारण है। चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी तो कुछ निर्माणकर्ताओं की ओर से छोड़ी गई गड़बडिय़ां भी हैं। सड़कों पर हादसों की रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से क्या इंतजाम की तैयारी है। कमिश्नर कौशल राज शर्मा से दैनिक जागरण के उप मुख्य संवाददाता विकास ओझा की बातचीत के कुछ प्रमुख अंश...
0-पिछले सात-आठ सालों में वाराणसी मंडल सड़कों के मामले में बहुत समृद्ध हुआ है। निश्चित, विकास की रफ्तार बढ़ी है लेकिन इन सड़कों पर आए दिन के हादसे लोगों का डरा रहे हैं, क्या उपाय है।
-निश्चित, तेज रफ्तार व नियमों की अनदेखी के कारण हादसे हो रहे हैं। इसलिए ब्लैक स्पाट्स को चिह्नित कर तत्काल चंदौली, गाजीपुर व जौनपुर के आरटीओ को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। तकनीकी टीम की अगुवाई में इसे तत्काल ठीक करा लिया जाएगा। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को सहयोग करने के लिए नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग को भी निर्देशित किया गया है। निर्माण कार्य, कट, नए रास्ते आदि का विकास संबंधित सहयोग अपने संसाधनों से उपलब्ध कराएंगे।
0- फोरलेन सड़कों पर तमाम गड़बडिय़ां दिख रही हैं। मसलन जेबरा क्रासिंग का न होना, लाइटिंग की पूरी व्यवस्था न होना, जगह -जगह अवैध कट.. आदि।
- चिहृांकन में इन सभी विषयों को शामिल किया गया है। गड्ढा से लगायत अवैध कट, अवैध कब्जा आदि। इन सबको ठीक करा लिया जाएगा। बजट की जरूरत पड़ी तो शासन से मांग की जाएगी। यकीन मानिए सब ठीक हो जाएगा। वन वे व्यवस्था, पार्किंग का भरपूर उपयोेग, ई रिक्शा संबंधी शासन के नए निर्देशाें को भी लागू कराने के लिए योजना तैयार की जा रही है।
0-नेशलन हाइवे पर मानिटरिंग की व्यवस्था अभी नहीं दिख रही है। न ही गाडिय़ों की रफ्तार पर लगाम लग पा रही है, न ही चालकों की जांच पड़ताल हो रही है।
- आरटीओ को इसे कड़ाई से अनुपालन कराना है। इसके लिए पहले भी निर्देशित किया जा चुका है। आगामी बैठक में इन सभी विषयों पर चर्चा होगी। सुरक्षित यातायात के लिए नई तकनीकी लाने की भी कोशिश है। आइ रेड एप इसी का हिस्सा है। वाराणसी समेत प्रदेश के 16 जिलों में इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आइ रेड) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है।
आइआइटी मद्रास ने एप तैयार किया है। इसमें फोटोग्राफ-वीडियो और लोकेशन के जरिए दुर्घटना की वजह का पता किया जाएगा। खामियों को दूर कर हादसों को रोका जाएगा। इस दिशा में जिले में ट्रेनिंग, विभागों को जोडऩे के संग हाइवे के आसपास के अस्पतालों को भी डाटा तैयार किया गया है ताकि दुर्घटना के दौरान तत्काल उपचार की मुकम्मल व्यवस्था हो सके।
0- आप, दुर्घटनाओं से बचने के लिए लोगों से क्या अपील करना चाहेंगे
- सिर्फ यही कहेंगे। आपकी जिंदगी अनमोल है। यातायात नियमों का पालन करिए। दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहने, चार पहिया पर सीट बेल्ट लगाएं। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन न चलाएं और किसी भी तरह की नशा कर वाहन न चलाएं।