पितरों को याद कर अर्पित की गई जलाजलि, गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
वाराणसी सहित आस पास के जिलों में सोमवार को श्रद्धापूर्वक लोगों ने अपने पितरों का तर्पण किया। इस दौरान गंगा घाटों पर लोगों की काफी भीड़ थी।
वाराणसी (जेएनएन) : पितृ विसर्जन पर सोमवार को पूरी श्रद्धा के साथ लोगों ने अपने पितरों को पिंडदान, तर्पण एवं जलाजलि देकर पूर्वजों को याद किया गया। इसी क्रम में वाराणसी के सभी घाटों पर पिंडदान करने वालों भीड़ भोर से ही उमड़ पड़ी थी। सिंधिया घाट, दशाश्वमेध घाट, मीरघाट, अस्सी घाट, शिवाला घाट, राजाघाट सहित सभी घाटों पर मुहूर्त के अनुसार लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर श्राद्धकर्म किया। इसी क्रम में विश्व¨हदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. अशोक सिंघल का भी पितृ विसर्जन अस्सी घाट पर किया गया।
उधर गाजीपुर में पितृपक्ष पर सोमवार को गंगा घाटों पर स्नान कर लोगों ने पिंडदान कर अपने-अपने पितरों का तर्पण किया। ददरीघाट, कलेक्टर घाट, चीतनाथ घाट पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। भदोही के सीतमढी गंगा घाट व स्थानीय रामपुर घाट पर हजारों की संख्या में लोगों द्वारा अपने पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, तिल दान आदि श्राद्ध कर्म किया गया। बता दें एक पखवारे से पूर्वजों एवं पितरों की शाति के लिए चल रहे है पितृपक्ष का आज समापन हो जाएगा।
पितृपक्ष के बारे में आस्था है कि इस पक्ष में पितरों को तर्पण करने, दान करने से पूर्वज खुश होते हैं और अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं। पूर्वजों के खुश होने से व्यापार वृद्धि और वंश की वृद्धि होती है । साथ ही परिवार में सुख शाति रहती है। पिंडदान करने के लिए सुबह से ही रामपुर घाट पर सुरियावा, भदोही, चौरी के अलावा जौनपुर से लोग आते हैं। दूर-दराज से आए लोग खाची, झौवा, खुरपी, ओखली आदि सामान भी खरीद रहे थे। गोपीगंज रेलवे स्टेशन से लेकर घाट तक दुकानें सजी थीं। घाटों पर साफ- सफाई न होने से दूर- दराज से आए लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसी तरह इब्राहिमपुर, सेमराध, बिहरोजपुर आदि गंगा घाटों पर भी लोग अपने पितरों को स्मरण कर पिंडदान कर रहे थे। वहीं बलिया, आजमगढ़, मीरजापुर, चंदौली, जौनपुर, सोनभद्र, मऊ, बलिया में घाटों पर पितृ विसर्जन विधि विधान से लोगों ने किया।