काशी में धर्म विचार की होगी सर्वोच्च सभा, संसद की पहली जुटान के लिए हुआ भूमि पूजन
वाराणसी में 25 से 27 नवंबर तक धर्म संसद की पहली जुटान के लिए संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धन में सोमवार को भूमि पूजन किया गया।
वाराणसी (जेएनएन) : 25 से 27 नवंबर तक धर्म संसद की पहली जुटान के लिए संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धन गाव में सोमवार को भू पूजन किया गया। अगले वर्ष 29 और 30 जनवरी को प्रयागराज में दूसरी जुटान का खाका खींचा जाने लगा है। यह भी तय किया गया है सनातनधर्मियों के मार्गदर्शन को धर्मसंसद की आगे भी अलग-अलग धर्मस्थलों पर जुटान होती रहेगी। धर्म संसद 1008 में पूरे देश से संसदीय क्षेत्रवार आम सनातनियों के बीच से 543 धर्मासद, 281 संत महंत व 184 धार्मिक संस्था प्रतिनिधि भाग लेंगे। बतौर परमधर्माधीश शकराचार्य के सानिध्य में कार्रवाई चलेगी। इसके लिए बनाई जा रही संसद की प्रतिकृति। साथ ही 150म150 वर्गफीट में बनेगा पंडाल। धर्मनगरी काशी में अगले माह ज्योतिष व द्वारकापीठ के शकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की धर्म संसद 1008 बैठेगी। उनके आशीर्वाद-आदेश से नवगठित धर्म विचार की इस सर्वोच्च सभा में सनातन धर्म के विभिन्न मुद्दों पर 1008 प्रतिनिधि विचार मंथन करेंगे। धर्म संसद के दो सदनों में क्त्रमश: पारित प्रस्तावों के आधार पर बतौर परमधर्माधीश शकराचार्य परम धर्मादेश जारी करेंगे। इसे केंद्र सरकार को देने के साथ ही आमजन के लिए प्रकाशित भी किया जाएगा।
इस मौके पर संस्थापक और शकराचार्य के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में पहली धर्म संसद की तैयारी शुरू कर दी गई है। सोमवार को उन्होंने बताया कि धर्म संसद 1008 सनातनियों के मार्गदर्शन के लिए धर्म विचार की सर्वोच्च सभा होगी। धर्म संसद में संसदीय क्षेत्रवार देशभर से सनातन धर्म को जीने और समस्याओं का अनुभव करने वाले 543 धर्मासद बनाए गए हैं।