गुड़ की चाय, आजवाइन सहित ये उपाय सर्दी से बचाव के बनेंगे कवच, कई बीमारी से मिलेगी राहत
इस वक्त जाड़ा अपने चरम पर है। लगातार ठंड बढ़ रही है और इसके कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। इस मौसम में सर्दी-जुकाम श्वांस रोग जोड़ों के रोग आदि की आशंका बढ़ जाती है
वाराणसी [वंदना सिंह]। इस वक्त जाड़ा अपने चरम पर है। लगातार ठंड बढ़ रही है और इसके कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। इस मौसम में सर्दी-जुकाम, श्वांस रोग, जोड़ों के रोग आदि की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में अपने शरीर की आंतरिक ऊर्जा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अपने भोजन में कुछ चीजों का समावेश व परिवर्तन कर लेने से जाड़े में होने वाले रोगों से भी बचा जा सकता है। हर घर में ये घरेलू चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं बस उसका सही प्रयोग जरूरी है। मछली, बादाम, आजवाइन, गुड़ की चाय आदि ऐसे ही कुछ खास भोज्य पदार्थ हैं जिनके सेवन सर्दी में बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही सर्दी में अनजाने में ही लोग कुछ हीटर आदि के प्रयोग से परेशानी में आ जाते हैं। सर्दी से कैसे हो बचाव और क्या चीजें न करें जो डाल देगा आपको मुसीबत में राहत देती है। वैद्य डॉ अजय कुमार ने कहा कि आयुर्वेद के अनुसार सर्दी के मौसम में स्निग्ध, उष्ण और गुरु पदार्थोंं का सेवन करना चाहिए। गाय का दूध, गुड़, खांड़, तेल, मांस और गर्म पानी का प्रयोग विशेष रूप से बताया गया है। इससे मौसम जनित बीमारियों से बचा जा सकता है।
लाजवाब गुड़ की चाय
जाड़े में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गुड़ की चाय पीते हैं। यह स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि अब गुड़ की चाय का चलन शहरों में भी लोग कर रहे हैं। गुड़ की तासीर गर्म होती हैं, जिससे शरीर का तापमान ठीक रहता हैं और ठंड च्यादा महसूस नहीं होती।
इन उपायों से भागेगी सर्दी
अजवाइन भी शरीर को गर्मी देने का अच्छा स्रोत है। इससे भी आप कोल्ड एंड फ्लू से बचाव कर सकते हैं। इस वक्त तिल के लड्डू, पट्टी, चिकी आदि गुड़ के साथ बनाया जाता है और इसका सेवन लोग करते हैं। यह सर्दी से बचाव का बेहतरीन तरीका है। उड़द की दाल सर्दी में खाने पर शरीर को गर्माहट देता है। यह स्निग्ध, उष्ण और गुरु और बलवर्धक भी होता है। जाड़े में इसे विभिन्न रूपों में भोजन में प्रयोग करना चाहिए। सोंठ या अदरक प्राकृतिक रूप से गर्म होता है। इसकी चाय या काढ़ा बनाकर पीने से ठंडी के कारण होने वाले रोगों से फायदा होता है। मिर्च बहुत ही गर्म प्रकृति का होता है। सर्दी जुकाम, श्वासं, कास और कफजन्य रोगों में फायदा पहुंचाता है। हल्दी सर्दियों के महीनों के दौरान बहुत जरूरी है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है तथा सर्दी जुकाम से दूर रखती है। वैसे भी हल्दी को सबसे बेहतरीन मसालों व औषधि के रूप में माना जाता है क्योंकि यह अनेकों बीमारियों में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। बादाम उष्ण, गुरु और स्निग्ध होता है जिससे यह ठंड से बचाव करता है। यह बल कारक और मांस वर्धक होता है। इसके सेवन से शरीर में गर्मी बनी रहती है और जो लोग जाड़े में व्यायाम करते हैं उनके लिए भी यह काफी लाभकारी है। मांसाहारी लोग इस मौसम में मछली का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में वर्णित गुणों के अनुसार मछलियों का मांस गुरु, उष्ण, बलवर्धक, स्निग्ध होता है। यह शरीर को गर्म रखता है और ऊर्जा भी प्रदान करता है।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
-सर्दी के मौसम में इससे बचने के लिए रातभर बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाकर रखना नुकसान देह होता है।
-हीटर, ब्लोअर रातभर बंद कमरे में जलाने से कमरे में ऑक्सीजन और नमी की कमी हो जाती है।
-ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। विशेष तौर से श्वांस के रोगियों व एलर्जी वाले मरीजों को लिए यह हानिकारक है।
-रात में बंद कमरे में बोरसी या अंगीठी जलाकर कतई नहीं सोएं। इससे कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण सांस फूलने, खांसी, दम घुटने की संभावना रहती है।
-हीटर के सामने अधिक देर तक बैठने से स्किन रूखी, खुजली होना, रेड पैचेज पड़ जाना, यहां तक की झुर्रियां जैसी समस्याएं होने लगती है।
-कुछ हैलोजन हीटर से अल्ट्रा वायलेट किरणें भी निकलती हैं। ऐसे में आंखों और त्वचा को भी नुकसान पहुंच सकता है।