Lockdown Day 5 : जनपद न्यायालय के आदेश के बाद जेलों में बंदियों को छोड़ने का क्रम शुरू
जनपद न्यायालय के आदेश के बाद जेलों में बंदियों को छोड़ने का क्रम शुरू कर दिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल भर में जेलों से बंदियों को छोड़ने का क्रम शुरू हो चुका है। अमूमन सभी जेलों में अब बंदियों को सुरक्षा कारणों से छोडने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
इसी कड़ी में मीरजापुर जिला कारागार में बंद चल रहे 31 सजायाफ्ता समेत 63 बंदियों को 30 मार्च तक छोड़ा जाएगा। ताकि जेल के बंदियों को भी कोरोना की महामारी से बचाया जा सके। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। बस जनपद के न्यायालय से अनुमति मिलने के लिए देर है।
सुप्रीम कोर्ट ने देश में फैले कोरोना बीमारी को देखते हुए छोटे केसों के आरोप में सात साल से कम की सजा पाए हुए और बिना सजा पाए हुए बंदियों को पेरोल तथा जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने ऐसे लोगों की गत दिनों सूची मांगी थी। जेल प्रशासन द्वारा सात साल से कम की सजा पा चुके 31 तथा इन केसों के आरोप में केस चलने वाले 32 बंदियों की सूची शासन को उपलब्ध करा दी। साथ ही जनपद न्यायालय में भी इनको छोडऩे के लिए आदेश दिए जाने की कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए पत्र लिख दिया है। संभावना जताई जा रही है कि न्यायालय के पास भेजे गए 31 सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर तथा 32 बंदियों को जमानत पर 30 मार्च तक छोड़ दिया जाएगा।
शेष बंदियों को छोडऩे पर विचार चल रहा है। गौरतलब हो कि जिला जेल में कुल 643 बंदी बंद है। इसमें से 46 महिला बंदी भी शामिल है।
जेल में छोटे केसों के आरोप में सात साल से कम सजा पा चुके और आरोप में बंद चल रहे 63 बंदियों को एक-दो दिन के अंदर छोड़ा जाएगा। बंदियों को छोडऩे के लिए न्यायालय में अनुमति के लिए कागजात भेज दिया गया है। कार्रवाई भी पूरी हो गई है। - अनिल राय, जेल अधीक्षक।
सोनभद्र जिला कारागार से 27 बंदी रिहा
सोनभद्र जिला कारागार गुरमा में शनिवार शाम सात बजे के लगभग पैरोल पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जिला कारागार से 27 बंदियों को रिहा किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस के मद्देनजर देखते हुए उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशन में जिला कारागार सोनभद्र में लंबी सजा आपता जिसकी उम्र लगभग 60 वर्ष निर्धारित किया गया था उसी के तहत आज शाम को विशेष विधिक कार्यवाही के तहत मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में 27 बंदियों को पैरोल के तहत रिहा किया गया जो इस विधिक कार्यवाही से बंदियों को चेहरे पर खुशियां की झलक रही थी। इसके पूर्व जेल अधीक्षक मिजाजी लाल द्वारा बंदियों के परिजनों को रिहाई के संबंध में अवगत करा दिया गया था।