फौजी भाइयों की रिहाई और दोषियों के निलंबन की माग
वाराणसी : कछवारोड चौराहा पर रविवार को फौजी भाइयों व पुलिस के साथ हुई मारपीट के मामले में भाइयों के जेल भेजे जाने के बाद ग्रामीणों संग परिजनों ने तहसील परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। नायब तहसीलदार को पत्रक सौंपने के बाद दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की मांग की।
जागरण संवाददाता, मिर्जामुराद (वाराणसी) : कछवारोड चौराहा पर रविवार को फौजी भाइयों व पुलिस के बीच हुई मारपीट के मामले में फौजी भाइयों के जेल जाने के बाद विवाद बढ़ने लगा है। पुलिस पर आरोप लगाते हुए मंगलवार को राजातालाब तहसील में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने देश की सेवा करने वाले जवानों की रिहाई और दोषी कछवारोड चौकी प्रभारी को निलंबित करने की माग की। इस संबंध में एसडीएम की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार अरुण गिरी को पत्रक भी सौंपा।
कछवारोड चौराहा पर रविवार को दोपहर में ट्रक के धक्के से सबेसर (कछवा) निवासी बाइक सवार मुन्ना यादव घायल हो गए। सूचना पर पहुंचे कछवारोड चौकी प्रभारी सुरेंद्र यादव व सिपाही प्रवीण यादव ने घायल को अस्पताल भेजवाने के बाद ट्रक को चालक समेत चौकी पर ले जाने लगे। चौकी प्रभारी का आरोप था कि इस बीच बाइक से पहुंचे रोहनिया के असवारी (राजातालाब) निवासी शिवशकर यादव व रमाशकर यादव नामक सगे फौजी भाइयों ने ट्रक को चौकी पर ले जाने से मना कर हाईवे पर ही खड़ा करने की बात करने लगे। पुलिस की ओर से मना करने पर दोनों भाई उलझ गए। पुलिसकर्मी दोनों को पकड़ समीप के पुलिस बूथ में ले गए तो जवानों ने मेज तोड़ पटरे से चौकी प्रभारी व सिपाही पर वार कर दिया। उनकी पिटाई से दारोगा-सिपाही घायल हो गए। बाद में पुलिस ने दोनों भाइयों को जेल भेज दिया था। इसको लेकर ही स्थानीय लोग मंगलवार को प्रदर्शन करने लगे। तहसील पर प्रदर्शन करने वालों में फौजी भाइयों की मा रीता, पत्नी रेखा यादव, पवन यादव, मृत्युंजय, दर्शन, कमला, लक्ष्मीकात, सुरेश, विशाल आदि थे।