Coronavirus और Covid-19 का जानिए क्या है आपसी संबंध, varanasi में मौजूद हैं सुरक्षा के खास उपाय
Coronavirus और Covid-19 का जानिए क्या है आपसी सम्बन्ध varanasi में मौजूद हैं सुरक्षा के खास उपाय।
वाराणसी, जेएनएन। COVID-19 कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न चुनौती और खतरे से निपटने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन सभी आवश्यक कदम उठा रही है। शहर की जनता के सक्रिय सहयोग से जनपद में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। 11 फरवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक प्रेस रिलीज जारी किया और उसके माध्यम से 2019 की कोरोनावायरस बीमारी को कोविड-19 नाम कर दिया गया। दरअसल COVID-19 संक्षेप में है इसका पूरा नाम है Coronavirus Diseases है, चूंकि यह बीमारी 2019 में फैली इसलिए पूरा नाम Coronavirus Diseases 2019 हुआ। अब Corona का CO, virus का VI और Diseases का D मिलाकर COVID-19 नाम, कोरोना वायरस (COVID-19) आज वैश्विक बीमारी बन चुका है लेकिन वाराणसी प्रशासन ने अपने सक्रिय एवं दूरगामी सोच के साथ इस महामारी को जनपद में उस रूप में फैलने नहीं दिया जी रफ्तार से अन्य देशों एवं प्रदेशों में फैला है। जिला प्रशासन सिर्फ लॉक डाउन को सामाजिक सहयोग से पालन नहीं करवा रहे है बल्कि इससे एक कदम आगे निकल कर कोरोना वायरस से उठ रहे सवालो के जवाब, मानसिक तनाव, कोरोना प्रभावित एवं संक्रमित व्यक्तियों व उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार के दुष्प्रचार को रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहे है।
इसी श्रेणी में वाराणसी जिला प्रशासन, वाराणसी नगर निगम, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, यूनिसेफ द्वारा चिन्हित वरिष्ठ मनोचिकत्सक, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाताओं के माध्यम से वाराणसी जनपद के साथ मण्डल के समस्त जिलों में अस्थाई स्क्रीनिंग कैम्प/आश्रय स्थल में रह रहे व्यक्तियों या अन्य किसी भी व्यक्ति की कोरोना के सम्बन्ध में टेलीकाउंसलिंग अथवा वीडियो काउंसलिंग के माध्यम से मेंटल हेल्थ एवं मनोसामाजिक सहयोग प्रदान करने की योजना का निर्माण किया गया है। वर्तमान में 21 वरिष्ठ मनोचिकत्सक, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाताओं के मध्यम से नगर निगम में (कोविड-19 समेकित वार रूम) में स्थापित कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन 18001805567 एवं 1077 के माध्यम से सहयोग प्राप्त कर सकता है इसके अतिरिक्त चिन्हित वरिष्ठ मनोचिकत्सक, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाताओं के नंबर व नियत समय के अनुरूप उनको कॉल करके अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क कर सकते है।
इसके अतिरिक्त वाराणसी जिले में जीतने भी व्यक्तियों/परिवार को क्वारंटाइन एवं आइसोलेशन के तहत रखा गया उनके मानसिक स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए जिले में बनाए गए क्वारंटाइन शेल्टर होम एवं आइसोलेशन सेंटर में प्रशासन अपने स्तर से निरंतर कार्य कर रही है लेकिन इसको और पारदर्शी करने के लिए विभिन्न इकाइयों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के चिन्हित किया गया है जिसमे नगर आयुक्त गौरांग राठी द्वारा निरुपमा सिंह(8840830673), बाल संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, प्रीतेश कुमार तिवारी (8199934480) मंडलीय सलाहकार, प्रतिनिधि यूनिसेफ समर्थित प्रोग्राम, शिशिर श्रीवास्तव (7905312355) प्रतिनिधि नोडल चाइल्ड लाइन एवं फादर मैथ्यू (8765845997), प्रतिनिधि सिटि चाइल्डलाइन को नामित किया गया है।
इस टीम के द्वारा जिले में स्थापित सभी बाल देखरेख संस्था, क्वारंटाइन एवं आइशोलेसन एवं निराश्रित व्यक्तियों के लिए चिन्हित शहरी व ग्रामीण शेल्टर होम का विजिट कर करके वहां पर रह रहे लोगों को चिन्हित मनोचिकत्सक, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाताओं के सहयोग से मानसिक संबल प्रदान करना, उन स्थानों पर आ रही कठिनाइयों, कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उनको, उनके परिवार और आस-पास के लोगो को जागरूक करने, सभी को सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक तौर पर दूरी अपनाने के लिए कहा जाता है ताकि तेजी से फैल रहे इस वायरस के संक्रमण को रोका जा सके और सोशल दूरी से इस खतरे पर रोक लगाने में सफलता मिल सकती है और किसी भी समस्या की जानकारी के बारे में जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी कौशल राज शर्मा एवं नगर आयुक्त गौरांग राठी को अवगत करने का कार्य दिया गया है। वर्तमान में दैनिक जागरण समूह द्वारा संचालित जागरण पब्लिक स्कूल, आशा महाविद्यालय एवं नवोदय विद्यालय गजोखर में भी रह रहे लोगों को मानसिक संबल प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है तथा वहां पर रहने वाले लोगों को बताया गया कि वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा उनको यहां रखने का उद्देश्य है कि उनके साथ साथ उनके परिवार की सुरक्षा करना क्योंकि कोविड-19 ऐसा है जो व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है आपके यहां रहने, खाने-पीने, रेगुलर स्वस्थ्य परीक्षण के साथ मनोरन्जन के साधन उपलब्ध किए गए।