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फर्जी मार्कशीट के मामले में फंसे संस्कृत विवि के रजिस्ट्रार

वाराणसी : फर्जी मार्कशीट के सत्यापन में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 12:59 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 12:59 PM (IST)
फर्जी मार्कशीट के मामले में फंसे संस्कृत विवि के रजिस्ट्रार
फर्जी मार्कशीट के मामले में फंसे संस्कृत विवि के रजिस्ट्रार

वाराणसी : फर्जी मार्कशीट के सत्यापन में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी स्वयं फंस गए हैं। हालाकि यह प्रकरण डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का है। शासन ने इस मामले में उच्च शिक्षा अनुभाग के विशेष सचिव को जाच अधिकारी नामित किया है।

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डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के नाम का अंकपत्र जाली होने के बावजूद तत्कालीन कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी ने मार्कशीट को वैध होने की रिपोर्ट दी। एसआइटी की जाच में इस बात का खुलासा हुआ। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है और मामले में उच्च शिक्षा अनुभाग-एक के विशेष सचिव को जाच अधिकारी भी नामित कर दिया है। उच्च शिक्षा अनुभाग-एक के सचिव रमेश मिश्र ने इसकी प्रतिलिपि कुलाधिपति के प्रमुख सचिव, डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अन्य लोगों को प्रेषित किया है।

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किसी भी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने से पहले मिलान करने का प्रयास किया जाता है। कुलसचिव के लिए सारे अभिलेखों से मिलान करना संभव नहीं होता है। ऐसे में तमाम दस्तावेजों पर कर्मचारियों के विश्वास पर हस्ताक्षर कर दिया जाता है। डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के मामले में थोड़ी चूक हो गई। हालाकि मामला संज्ञान में आते ही सत्यापन रिपोर्ट रद कर फर्जी मार्कशीट की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। इतना ही नहीं संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की भी संस्तुति कर दी गई है।

-प्रभाष द्विवेदी, कुलसचिव,

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय


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