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बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती जारी ; मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद

प्रदेश के बड़े हिस्से में जारी बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती लगातार जारी है। मांग में कमी के कारण शटडाउन वाली इकाइयों की संख्या 17 तक पहुंच गयी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 07:00 AM (IST)
बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती जारी ; मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद
बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती जारी ; मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद

सोनभद्र, जेएनएन। प्रदेश के बड़े हिस्से में जारी बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती लगातार जारी है। मांग में कमी के कारण शटडाउन वाली इकाइयों की संख्या 17 तक पहुंच गयी है। वहीं पांच इकाइयों को तकनीकी कारणों से बंद किया गया है। इन इकाइयों को बंद कराकर 4763 मेगावाट उत्पादन कम कराया गया है। मांग के 10 हजार मेगावाट से भी कम होने के कारण कई चालू इकाइयों से भी कम उत्पादन कराया जा रहा है।

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दरअसल, पिछले एक सप्ताह में उत्पादन निगम की कुल 1135 मेगावाट क्षमता की सात इकाइयों को बंद कराया गया है। वहीं केन्द्रीय और निजी सेक्टर की 10 इकाइयों को शटडाउन पर लिया गया है, जिसमें प्रदेश का हिस्सा 3628 मेगावाट है। उत्पादन निगम के परीछा और हरदुआगंज परियोजनाओं का उत्पादन शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा उत्पादन निगम के ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली दसवीं इकाई बायलर ट््यूब लीकेज के कारण बंद चल रही है। वहीं निजी सेक्टर के बारा की 660 मेगावाट की एक इकाई कोयले की कमी के कारण बंद है। उधर, एनटीपीसी के ऊंचाहार की 210-210 मेगावाट की दो इकाइयां गीले कोयले के कारण बंद करनी पड़ी है। साथ ही टांडा की 110 मेगावाट की एक इकाई तकनीकी दिक्कतों के कारण बंद है।

मांग में कमी जारी

सोमवार पीक आवर के दौरान मांग 15,100 मेगावाट के करीब रही। जिसके सापेक्ष उपलब्धता 13,870 मेगावाट के करीब रही। जिसके कारण लगभग 1230 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी। मंगलवार शाम पांच बजे मांग 10,940 मेगावाट तक लुढ़क गयी। प्रदेश के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान के 25 डिग्री से भी नीचे चले जाने के कारण मांग लगातार कम बनी हुयी है। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 2448 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर निजी बिजली घरों से 3178 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। वहीं रिहंद डैम का जलस्तर 860.4 फिट तक बढऩे के कारण रात में पिपरी और ओबरा की आधा दर्जन इकाइयों से उत्पादन कराया जा रहा है।


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