Move to Jagran APP

10 January को रवि प्रदोष व्रत, भगवान शिव के व्रत और उपासना से मिलेगा आरोग्य सुख

भगवान शिव की पूजा- अर्चना अपने-अपने तरीके से हर आस्थावान और धर्मावलंबी पुण्य अर्जित करने के लिए करते हैं। 33 करोड़ देवी देवताओं में भगवान शिव की महिमा अपरंपार मानी गई है। प्रदोष व्रत के लिए भगवान शिव का पूजन माना गया है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 05:18 PM (IST)
10 January को रवि प्रदोष व्रत, भगवान शिव के व्रत और उपासना से मिलेगा आरोग्य सुख
33 करोड़ देवी देवताओं में भगवान शिव की महिमा अपरंपार मानी गई है।

वाराणसी, जेएनएन। भगवान शिव की पूजा- अर्चना अपने-अपने तरीके से हर आस्थावान और धर्मावलंबी पुण्य अर्जित करने के लिए करते हैं। 33 करोड़ देवी देवताओं में भगवान शिव की महिमा अपरंपार मानी गई है। प्रदोष व्रत के लिए भगवान शिव का पूजन माना गया है। भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्ति के लिए शिव पुराण में विविध व्रतों का उल्लेख मिलता है। जिनमें प्रदोष व्रत सबसे प्रभावशाली तथा शीघ्र फलदाई माना गया है।

loksabha election banner

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि यह प्रदोष व्रत प्रत्येक मास में दो बार आता है। शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। सूर्यास्त की समाप्ति एवं रात्रि के प्रारंभ में पड़ने वाली तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त पर्यंत जो त्रयोदशी व्रत हो उसी दिन व्रत रखा जाता है। प्रदोष काल में भगवान शिव की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना का नियम है। विमल जैन ने बताया कि इस बार यह प्रदोष व्रत 10 जनवरी रविवार को पड़ रहा है। पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 जनवरी रविवार को शाम 4:53 पर लगेगी जो कि अगले दिन 11 जनवरी सोमवार को दिन में 2:00 बज कर 2:33 तक रहेगी।

फलस्वरूप प्रदोष व्रत 10 जनवरी रविवार को रखा जाएगा। व्रत कर्ता को प्रातः काल से निराहार, निर्जल रहकर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। प्रदोष काल का समय सूर्यास्त से 48 मिनट या 72 मिनट तक माना गया है। इसी अवधि में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रत कर्ता को पूरे दिन निराहार रहते हुए शाम को पुनः स्नान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहि।ए इसके पश्चात प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। व्रत के दिन व्रत कर्ता को शयन नहीं करना चाहिए और व्यर्थ के वार्तालाप से बचना चाहिए 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.