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बांग्‍लादेश और नेपाल के व्‍यापारिक संबंधों में रामनगर बंदरगाह अहम, ढाका में उच्‍चायुक्‍त ने की पहल

भारत पहले से ही शून्य अतिरिक्त लागत पर नेपाल के साथ अपने व्यापार के लिए रेल द्वारा बांग्लादेश को पारगमन (सुविधा) पहुंच प्रदान कर रहा है और नेपाल बांग्लादेश और भूटान के बीच माल व्यापार की सुविधा प्रदान कर रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 07:10 PM (IST)
बांग्‍लादेश और नेपाल के व्‍यापारिक संबंधों में रामनगर बंदरगाह अहम, ढाका में उच्‍चायुक्‍त ने की पहल
भारत नेपाल संग अपने व्यापार के लिए रेल द्वारा बांग्लादेश को पारगमन (सुविधा) पहुंच प्रदान कर रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बांग्लादेश से जलपोत कार्गो (माल) लेकर जल्द ही काशी आ सकता है। इसके लिए बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने भारत में वाराणसी तक अपने अंतर्देशीय जलमार्ग प्रणाली के उपयोग की पेशकश की है, जो भारत- नेपाल कनेक्टिविटी का उपयोग करके व्यापार में मदद कर सकता है। भारत पहले से ही शून्य अतिरिक्त लागत पर नेपाल के साथ अपने व्यापार के लिए रेल द्वारा बांग्लादेश को पारगमन (सुविधा) पहुंच प्रदान कर रहा है और नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के बीच माल व्यापार की सुविधा प्रदान कर रहा है।

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उन्होंने कहा कि हम अभी भी चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग पर समझौते के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए दो साल पहले मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को अंतिम रूप दिया गया था। अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। रेल संपर्क के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोराईस्वामी ने कहा कि यह बांग्लादेश के लिए एक गेमचेंजर होगा, जैसा कि यह पूरे क्षेत्र के लिए है। बांग्लादेश के व्यापक नदी नेटवर्क का उपयोग करते हुए भारत भी त्रिपुरा और वहां से आगे की ओर माल भेज सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि उप-क्षेत्रीय संपर्क उप-क्षेत्र के सभी देशों के हित में है। उच्चायुक्त ने विश्व बैंक के अध्ययन का हवाला दिया, कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सहज संपर्क से इसकी राष्ट्रीय आय में 17 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जबकि भारत की राष्ट्रीय आय में भी आठ प्रतिशत की वृद्धि होगी।

अप्रतिबंधित व्यापार के लिए और अधिक भूमि बंदरगाहों को खोलने का आह्वान करते हुए उच्चायुक्त ने कहा कि व्यापार के लिए एक सीमा पार करने का एकाधिकार दोनों पक्षों के व्यापार के लिए सबसे बड़ा गैर- टैरिफ अवरोध है। बताते चलें कि गत वर्ष बांग्लादेश की एक टीम वाराणसी के उपनगर रामनगर के राल्हूपुर में बने बंदरगाह का निरीक्षण करने आई थी। दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापार पर चर्चा करते हुए आगे बढ़ाने की बात कही थी। उसी क्रम में बनारस से कारोबार बढ़ाने के लेकर तैयारी की जा रही है। इस बारे में स्थानीय अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला मुख्यालय से जुड़ा है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे तैयारी की जाएगी।


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