वाराणसी के Ganga River Front में सजेगा रामनगर महोत्सव, शासन ने वीडीए उपाध्यक्ष से साझा की सरकार की मंशा
वाराणसी समेत गंगा किनारे बसे बड़े शहरों में गंगा रिवर फ्रंट बनाने की योजना बन रही है। शासन ने वीडीए उपाध्यक्ष से सरकार की मंशा साझा की।
वाराणसी, जेएनएन। साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर गंगा रिवर फ्रंट बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने मन बना लिया है। इसके लिए दो दिन पूर्व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों से प्रमुख सचिव आवास ने बैठक की। मंशा जाहिर करते हुए वाराणसी समेत गंगा किनारे बसे बड़े शहरों में गंगा रिवर फ्रंट बनाने के लिए निर्देशित किया। इसमें वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने यहां की स्थिति स्पष्ट की। प्लानिंग के लेवल पर अब तक की हुई तैयारियों से अवगत कराते हुए रुकावटों पर भी प्रकाश डाला।
फिलहाल, गंगा किनारे दो मीटर को लेकर कानूनी अड़चनों को लेकर वीडीए गंगा रिवर फ्रंट को लेकर प्रस्ताव को सार्वजिनक करने के मूड में नहीं है लेकिन इस दिशा में कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। वीडीए के नियोजन विभाग एक प्रस्ताव के प्रारंभिक बिंदु से शासन को अगवत भी कराया है। यह प्रस्ताव गंगा उस पार रेती को केंद्रित कर बनाया गया है जिसे रामनगर महोत्सव के रूप में रेखांकित किया गया है।कछुआ सेंचुरी प्रयागराज स्थानान्तिरत होने के बाद वीडीए ने योजना को धरातल पर उतारने को लेकर आशान्वित हो गई है करीब 450 करोड़ की अनुमानित योजना है। यह बजट कई चरणों में मूर्तरूप लेने वाली योजना के पहले चरण का बताया जा रहा है। शासन को दी गई जानकारी में वीडीए ने कार्य की प्रगति के तौर पर स्पष्ट किया है कि सर्वे आदि का कार्य हो रहा है। योजना अध्ययन के दौर से गुजर रही है। काशी में गंगा के जगमगाते घाट और रेत के मैदान रिवर फ्रंट के लिए बेहद अनुकूल रहेंगे। रेत के मैदान में बाग बगीचे लगे, तो घाटों का सुंदरीकरण भी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। गंगा में सीधे गिरने वाले नालों का उपाय भी बेहतर ढंग से किया जाएगा। भाजपा नेता लक्ष्मण आचार्य कहते हैं कि गुजरात का माडल देश के सामने है और अब बनारस का गंगा रिवर फ्रंट भी विश्व के सामने माडल बनेगा।
रेती में आदियोगी भगवान शिव की विशाल प्रतिमा
रेती में आदियोगी भगवान शिव की विशाल प्रतिमा की स्थापना के लिए ईशा फाउंडेशन एक साल से प्रयासरत है। अब इसे मूर्त रूप देने के प्रयास ने तेजी पकड़ी है। प्रतिमा स्थापित होने से गंगा पार रेती में भी नया पर्यटन स्थल विकसित होगा। इसमें एक ओर श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार, कारिडोर व महाश्मशान तो दूसरी ओर आदियोगी विराजमान होंगे। ईशा फाउंडेशन कोयम्बटूर में आदियोगी की 112 फीट की प्रतिमा स्थापित कर चुका है।
गंगा रिवर फ्रंट को लेकर शासन स्तर पर बात हुई
गंगा रिवर फ्रंट को लेकर शासन स्तर पर बात हुई। इस दिशा में संभावनाएं तलाश की जा रही हैं। गंगा किनारे दो सौ मीटर की कानूनी बाधा से रिवर फ्रंट को लेकर स्पष्ट स्परूप को लेकर अब तक कोई समहमित नहीं बन सकी है। इस दिशा में मंथन जारी है।
- राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण।