समय संग रामलीला का बदला ट्रेंड, शाम सात से रात दस बजे तक टीवी पर अयोध्या की लीला का उठा रहे आनंद
विजयादशमी व दुर्गा पूजा आते ही जगह-जगह धूम मचाने वाली रामलीला के स्थानों पर सन्नाटा पसरा है। दूसरी तरफ आनलाइन व दूरदर्शन की रामलीला का क्रेज बढ़ गया है। डीडी भारती पर आने वाली अयोध्या की रामलीला का सभी को इंतजार रहता है।
मऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण ने लोगों की जीवनशैली जहां बदल दी वहीं रहन-सहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यही नहीं लोगों ने अपने मनोरंजन का ट्रेंड भी बदल दिया है। विजयादशमी व दुर्गा पूजा आते ही जगह-जगह धूम मचाने वाली रामलीला के स्थानों पर सन्नाटा पसरा है। दूसरी तरफ आनलाइन व दूरदर्शन की रामलीला का क्रेज बढ़ गया है। यही वजह है कि शाम सात बजे से रात दस बजे तक डीडी भारती पर आने वाली अयोध्या की रामलीला का सभी को इंतजार रहता है और लोग टीवी पर चिपक जाते हैं। उन्हें वास्तविक रामलीला जैसा ही आभास हो रहा है। अंदाज व मिजाज वही है लेकिन बस ट्रेंड बदला है। इस रामलीला को देखकर लोग संतुष्ट हैं कि भले ही वास्तविक रामलीला नहीं देखने को मिल रही है, लेकिन अयोध्या की रामलीला आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
जनपद में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर नवरात्र शुरू होने से पूर्व ही रामलीला शुरू हो जाती है और लगभग दीपावली तक विभिन्न तिथियों में होती रहती है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से शासन ने गाइडलाइन जारी कर दिया है। इस गाइडलाइन पर तमाम रामलीला समितियां खरा नहीं उतर पा रही हैं। इसकी वजह से लोगों ने इस साल रामलीला स्थगित करने का निर्णय लिया है। यही गाइडलाइन दुर्गा पूजा पंडाल पर भी लागू हैं। रामलीला में किशोर व बुजुर्गों को शामिल नहीं किया जाना है। इसके अलावा 200 से अधिक भीड़ भी नहीं जुटनी है। अधिकांश जगहों की रामलीला में 50 वर्ष से ऊपर के की कलाकार हैं। बख्तावरगंज के अजय राय का कहना है कि हम लोगों के जमाने में दशहरा से एक पखवारा पहले से रामलीला शुरू हो जाती थी, लेकिन समय के अनुसार इसका क्रेज घटता गया। अब कुछ चुनिंदा जगहों पर रामलीला होती है लेकिन भीड़ ज्यादा होती है। अब इस वर्ष कोरोना की वजह से रामलीला नहीं हो रही है तो अयोध्या की रामलीला रास आ रही हैं। धनौली रामपुर के हरिश्चंद्र राय ने कहा कि रामलीला न होने से दर्शकों में निराशा जरूर है, लेकिन हर कोई कोरोना संक्रमण से निजात पाना चाहता है। शहर के सहादतपुरा निवासी संजय जायसवाल व तेज प्रताप तिवारी का कहना है कि अयोध्या की रामलीला टीवी पर रोचक ढंग से प्रस्तुत की जा रही है। कहीं से भी कोई मनोरंजन में कमी नहीं है। शैलेंद्र गुप्ता का कहना है कि रामलीला न होने से लीला प्रेमियों में निराशा जरूर है लेकिन कोरोना का डर सबको सता रहा है। ऐसे में टीवी की रामलीला से काम चल जा रहा है।