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रमजानुल मुबारक : पढ़ी गई अलविदा जुमा की नमाज, मगफिरत की मांगी दुआएं

रमजानुल मुबारक के आखिरी अय्याम में अलविदा की नमाज पढऩे के लिए नमाजियों का हुजूम जब निकला तो मस्जिदों में जगह की कमी को सड़कों ने पूरा कर दिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 31 May 2019 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 06:16 PM (IST)
रमजानुल मुबारक : पढ़ी गई अलविदा जुमा की नमाज, मगफिरत की मांगी दुआएं
रमजानुल मुबारक : पढ़ी गई अलविदा जुमा की नमाज, मगफिरत की मांगी दुआएं

वाराणसी, जेएनएन। रमजानुल मुबारक के आखिरी अय्याम में अलविदा की नमाज पढऩे के लिए नमाजियों का हुजूम जब निकला तो मस्जिदों में जगह की कमी को सड़कों ने पूरा कर दिया। अकीदमंदों ने आसमान से बरसती आंच की बारिश के बीच सड़कों पर भी नमाज अदा की। खुतबा के दौरान इमाम ने जब पढ़ा 'अलविदा, अलविदा या शहरे रमजान.....' तो नमाजियों की आंखों रमजान के बीत जाने के गम में छलक उठीं। दोपहर साढ़े बारह से तीन बजे तक शहर की सभी मस्जिदों में अलविदा की नमाज पढ़ी गई।

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इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। नई सड़क स्थित लंगड़े हाफिज मस्जिद में सबसे आखिर में अलविदा जुमा की नमाज अदा हुई। खुतबा से पूर्व पेश इमाम ने जकात व सदका-ए-फित्र के विषय पर तकरीर की। बताया कि जकात व सदका किसे अदा करना चाहिए और किसे नहीं। जमात के वक्त से बहुत पहले ही नमाजियों से मस्जिदें भर गईं थीं। मस्जिद के भीतर जगह न होने की वजह से लोगों को तेज धूप में मस्जिद की छत पर नमाज पढऩी पड़ी। वहीं कई स्थानों पर मस्जिदों के बाहर सड़क पर भी नमाज अदा हुई। जिसमें खुदाबख्श जायसी लंगड़े हाफिज मस्जिद नई सड़क, जामा मस्जिद नदेसर, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन चौराहा, मस्जिद तेलियाबाग आदि प्रमुख हैं। अलविदा जुमा को लेकर बच्चों में जबर्दस्त उत्साह रहा। बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी नहा-धो कर नए कपड़ों में नमाज अदा करने पहुंचे। मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों में सुबह से ही चहल-पहल बढ़ी हुई थी। इनमें बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, दालमंडी, बड़ी बाजार, पीलीकोठी, अलईपुरा, जलालीपुरा, सरैयां, पुरानापुल, शकर तालाब, मुकीमगंज, चौहट्टा लाल खां, अर्दलीबाजार, छित्तनपुरा, नदेसर, शिवाला, गौरीगंज, कोयलाबाजार आदि प्रमुख रहे। 

नमाज के बाद हुई सामूहिक दुआख्वानी : 'अलविदा जुमा' में नमाज के बाद लगभग सभी मस्जिदों में सामूहिक दुआख्वानी हुई। पेश इमाम के साथ-साथ लोगों ने रो-रो कर इस मुकद्दस अय्यम में रब की बारगाह में अपने तमाम गुनाहों की माफी मांगी। खुदा की बारगाह में अपनी टूटी-फूटी इबादतों को कबूल कराने व ईमान पर खात्मे के साथ ही देश में एकता, अखंडता, तरक्की व खुशहाली के लिए भी दुआ मांगी गई। 

शाही मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, खुदाबख्श जायसी लंगड़े हाफिज नई सड़क में मौलाना वलीउल्लाह कादरी उर्फ वली मियां, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन चौराहा मौलाना मुबारक हुसैन, मस्जिद ढाई कंगूरा चौहïट्टालाल खां में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, मस्जिद लाटशाही कचहरी में हाफिज हबीबुर्रहमान, मस्जिद लाट सरैयां में मौलाना जियाउर्रहमान, मस्जिद खरबूजा शहीद नदेसर में हाफिज शकील अहमद, मस्जिद याकूब शहीद नगवां में हाफिज ताहिर, मस्जिद हकीम सलामत अली पितरकुंडा में मौलाना शफीक मुजद्दिदी, शाही मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद खाकी शाह शिवाला में मौलाना मुनीर आलम, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब आलम, मस्जिद बीबी रजिया चौक में मौलाना अजीज अहमद कादरी, मस्जिद उस्मानिया बड़ी बाजार में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी, मस्जिद रंगढलवा शेख सलीम फाटक में मौलाना इकरामुद्दीन वासेफुल कादरी, मस्जिद ताजा व्यापारी का मैदान में मौलाना हबीबुर्रहमान मजहरी व मस्जिद सम्मन खां गौरीगंज कारी मुजफ्फर हुसैन ने अलविदा जुमा की नमाज अदा कराई। 

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