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राम मंदिर भारत के सम्मान का प्रतीक, 2023 में रामलला होंगे गर्भगृह में, जौनपुर में बोले चम्पत राय

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भारत सरकार श्रीराम मंदिर न्यास के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर हिंदुस्तान के सम्मान का प्रतीक है। अगर संप्रभुता संपन्न स्वाभिमान से जिंदा रहना है तो हमें अयोध्या रामजन्म भूमि के पांच सौ साल के इतिहास को मानना होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 08:20 PM (IST)
राम मंदिर भारत के सम्मान का प्रतीक, 2023 में रामलला होंगे गर्भगृह में, जौनपुर में बोले चम्पत राय
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भारत सरकार श्रीराम मंदिर न्यास के महासचिव चम्पत राय सभा को संबोधित करते।

 जागरण संवाददाता, जौनपुर। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भारत सरकार श्रीराम मंदिर न्यास के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर हिंदुस्तान के सम्मान का प्रतीक है। अगर संप्रभुता संपन्न स्वाभिमान से जिंदा रहना है तो हमें अयोध्या रामजन्म भूमि के पांच सौ साल के इतिहास को मानना होगा हम शांति से चलते रहें लड़ते रहें। उन्होंने कहा कि न्यास की मंशा है कि 2023 में रामलला अपने गर्भगृह में विराज कर सकें जिससे भक्त व सर्वसमाज दर्शन कर सकें।

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श्री चम्पत राय सवंसा गांव में संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्वर्गीय रमाशंकर उपाध्याय के मूर्ति लोकापर्ण के पूर्व संस्मरण सुनाने के दौरान अपने मुख्यअतिथि संबोधन के पश्चात लोगों के बीच कही। चम्पत राय ने कहा कि अयोध्या मन्दिर एक हजार साल तक खड़ा रहें इसकी ब्यवस्था कर दी गई है। चार सौ मीटर लम्बा, तीन सौ मीटर चौड़ा, पचास मीटर गहरा ब्यास कौन गिरा सकता है। उन्होंने कहा कि मन्दिर न तो भूकंप के झटके न ही सरयू की धारा से गिर सकेगी इसकी भी ब्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह पर वैज्ञानिकों की एक टोली भी प्रत्येक रामनवमी के दिन सूर्यवंश के वंशज भगवान राम के ऊपर सूर्य की किरणों को छेद के माध्यम से पहुचाने में शोध में लगी हुई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा रमाशंकर की राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव जीवन के अंतिम समय में भी रहा। आयोजक संघ के वरिष्ठ प्रचारक अशोक उपाध्याय एवं प्रमोद उपाध्याय ने आये हुए लोगों के प्रति आभार जताते हुए मंचासीन लोगों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।


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