राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने की महामना मालवीय मिशन के ईआरटी इकाई की शुरूआत
बीएचयू के पूर्व छात्रों का एक विश्वव्यापी संगठन महामना मालवीय मिशन की ईआरटी इकाई का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने ऑनलाइन किया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के पूर्व छात्रों का एक विश्वव्यापी संगठन महामना मालवीय मिशन की आपातकालिक अनुक्रिया समूह (ईआरटी) इकाई का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने ऑनलाइन किया। इसके तहत राजस्थान के कोटा और उत्तराखंड में विसरित बीएचयू के प्राचीन छात्रों को जोड़कर महामना के मूल्यों को सहेजने का काम चल रहा है। इसका आयोजन आइआइटी-बीएचयू के मालवीय नवप्रवर्तन केंद्र द्वारा सेंटर में ही किया गया। इसी संस्था की ग्रामीण इकाई, वाराणसी आपातकालिक अनुक्रिया समूह द्वारा प्राकृतिक और मानव जनित राष्ट्रीय आपातकालीन स्थितियों से निबटने के लिए प्रयासरत है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि ईआरटी के माध्यम से सामाजिक मूल्यों के लिए युवा पीढ़ी के ऊर्जा का उपयोग करना है।
कलराज मिश्र ने कहा कि सही मायने में महामना को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके विचारों तथा आदर्शों को हृदयंगम कर समाज और देश हित में कार्य करें। उन्होंने कोटा और वाराणसी में किए जा रहे परोपकारी कार्यों की सराहना करते हुए कहा काशी का अन्नदान, भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधा तथा किसानों एवं वनवासी क्षेत्र के लोगों के लिए किया जा रहा कार्य अत्यंत सराहनीय है। इससे जुड़े रोटी बैंक, काशी-कथा, संजीवनी वेलफेयर सोसाइटी एवं महामना उद्यमिता एवं नवाचार केंद्र की सराहना की। इस अवसर पर मिशन की कोटा इकाई के उपाध्यक्ष मुनीश बिंदल ने कोटा के ईआरटी के आठ युवा सदस्यों को सम्मानित किया। महामना मालवीय मिशन (मुख्य इकाई, नई दिल्ली) के महासचिव हरिशंकर सिंह, महामना मालवीय मिशन (ग्रामीण इकाई, वाराणसी) के अध्यक्ष डा. सिद्धनाथ उपाध्याय, महासचिव डा. प्रदीप कुमार मिश्र आदि मौजूद रहे।
तकनीकी के सभी पहलूओं को समझने की जरूरत
वर्तमान तकनीकी के इस युग हर व्यक्ति प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इसका इस्तेमाल भी कर रहा है। इसके बावजूद तमाम लोग तकनीकी की बारीकियों से अनजान है। इसके कारण कभी-कभी हम धोखा भी खा जाते हैं। ऐसे में हमें तकनीकी के सभी पहलूओं को समझने की जरूरत है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व गुजरात विद्यापीठ (अहमदाबाद) के संयुक्त तत्वावधान में अयोजित द्वि-साप्ताहिक फैकल्टी डवलमेंट प्रोग्राम का यह निष्कर्ष रहा। सोमवार को समापन सत्र के मुख्य अतिथि गुजरात विद्यापीठ के कुलपति प्रो. अनामिक शाह ने कहा कि तकनीकी ने पत्रकरिता के आयामों का विस्तार किया है। वहीं आने वाला समय आर्टिफिशल एटिंलिजेंस और बायो टेक्नोलाजी का होगा। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि इंटरनेट आधारित नई तकनीकी सबको समान रूप से भागीदार बनाने में सक्षम है। इसने नए तरह का आयाम दिया है।