Azamgarh में भीम के वार से चित्त हुई राज की बेकारी, कारखाना हुआ बंद तो खोल दी फल की दुकान
लॉकडाउन में कारखाना बंद हुआ तो आजमगढ़ में मालिक ने खोलवा दी फल की दुकान।
आजमगढ़, जेएनएन। लॉकडाउन में चूड़ी और ब्यूटी बाक्स का कारखाना बंद हुआ तो कारीगरों के जीवन ही लॉक हो गया। उनके सामने खाने की मुश्किल मुंह बाए उठ खड़ी हुई। उनके एक एक ऐसा भी कारीगर रहा, जिसके ऊपर मां और बहन की भी जिम्मेदारी थी। राज नाम के कारीगर ने मालिक सत्येंद्र उर्फ भीम गोंड से अपनी व्यथा सुनाई तो भीम ने मदद की ठानी। राज ने अपने घर के पास रहने वाले फल कारोबारी से रोजगार का साधन पूछा तो उसने रमजान में फल का कारोबार करने की सलाह दी। बात फंसी पूंजी की तो भीम तैयार हो गए और बेकारी के इस दौर में राज की बेकारी चित्त होते दिख रही है।
कटरा मोहल्ले में दुकान लगाकर परिवार की गृहस्थी चला रहे राज तो एक किरदार मात्र है। लॉकडाउन की दुश्वारियों ने कई को जीवन की राह बदल डाली। मूल कारोबार छोड़ दूसरा व्यवसाय करने लगे हैं। राज का कहना है कि दुकान पर ज्यादा से ज्यादा ग्राहक रुकें, इसके लिए भीम खुद भी समय देते हैं। दरअसल भीम के पिजा जी की श्रृंगार सामग्री की पुरानी दुकान होने से अपनी अलग पहचान है। ग्राहक उन्हें देखने के बाद कहीं और जाना मुनासिब नहीं समझते। इसी तरह से पहाड़पुर में सर्विसिंग सेंटर का संचालन करने वाले बदरका मोहल्ले के नदीम अहमद ने भी लॉकडाउन में व्यापार की राह बदल दी। क्षेत्र के ही मित्र की सलाह पर रमजान में बढिय़ा कारोबार मानते हुए मोहल्ले के तिराहे पर फल की दुकान खोल ली है। पूंजी भी कम लग रही और समय का भी कोई बंधन भी नहीं। कहते हैं कि अब रमजान भर यही धंधा करेंगे। उसके बाद जैसा होगा वैसा देखा जाएगा।