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बनारस सहित पूर्वांचल में रिमझिम फुहार, ठंड का फूटा गुबार, 27-28 को तेज बारिश के आसार

काशी सहित पूर्वांचल में गुरुवार की सुबह भी बारिश हुई। इससे पहले बुधवार की रात को रिमझिम फुहार होती रही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 08:12 PM (IST)
बनारस सहित पूर्वांचल में रिमझिम फुहार, ठंड का फूटा गुबार, 27-28 को तेज बारिश के आसार
बनारस सहित पूर्वांचल में रिमझिम फुहार, ठंड का फूटा गुबार, 27-28 को तेज बारिश के आसार

वाराणसी, जेएनएन। काशी सहित पूर्वांचल में गुरुवार की सुबह भी बारिश हुई। इससे पहले बुधवार की रात को रिमझिम फुहार होती रही। इसके कारण ठंड का भी असर बढ़ गया। लोग एसी व कूलर की बजाय अब पंखे की हवा पर आ गए हैं। वहीं मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 27-28 सितंबर को तेज बारिश होगी।

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बंगाल की खाड़ी से तेज नम हवा पूर्वांचल में आ रही है। इसी का असर है कि रूक-रूक कर यहां बरसात हो जा रही है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार बारिश का आलम 29 सितंबर तक यही रहेगा। इस बीच 27 व 28 सिंतबर को पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में झमाझम बारिश हो सकती है। अगर तेज बारिश हुई तो इस बार ठंडी का मौसम भी जल्दी शुरू हो सकता है। वैसे भी तापमान लगातार गिरते जा रहा है।

किसानों की उम्मीदें जगा दी

उत्तरायण उत्तरा नक्षत्र ने किसानों की उम्मीदें जगा दी है। गुरुवार को अलसुबह सुबह से शुरू हुई बारिश देर शाम तक चलती रही। इससे 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर बोई गई धान की फसल लहलहा उठी। हालांकि सुबह से ही लगातार हो रही बारिश के चलते आम जनजीवन प्रभावित रहा। कामकाजी लोग घरों में ही फंस गए। सड़कों पर गड्ढों में पानी लग गया। वहीं आसमान में छाए काले घने मेघ देख किसानों को अब धान के बेहतर उत्पादन की उम्मीद बंध गई है। हालांकि बारिश के बीच अगर तेज हवा चली तो अगेती धान को नुकसान भी हो सकता है।

 बारिश का शुरूआती माह जून पूरी तरह से किसानों को दगा दे गया था। प्रचंड धूप और गर्मी के बीच किसी तरह किसानों ने ट्यूबवेल के सहारे अपने खेतों में धान की रोपाई की। इसी बीच जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में हुई मूसलाधार बारिश ने फसल को संजीवनी प्रदान कर दी। हालांकि इस बारिश के बाद आधा अगस्त हल्की बारिश की ही भेंट चढ़ गया। इस दौरान किसानों के माथे पर जरूर चिंता की लकीरें उभर आई थी। किसान किसी तरह ट्यूबवेल के सहारे धान को बचाने की जद्दोजहद में लगा था परंतु एक बार फिर मौसम ने करवट बदला और सितंबर की शुरूआत से ही बारिश का दौर चल निकला। गुरुवार को सुबह से ही शुरू हुई बारिश का चक्र चला तो देर शाम तक चलता ही रहा। लगातार कभी तेज तो कभी धीमी पानी की बूंदे धरती पर गिरती रही।


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