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CoronaVirus को लेकर देशभर में अलर्ट के बीच रेलवे प्रशासन चिंता से पूरी तरह बेपरवाह

सतर्कता के बीच रेल प्रशासन कोरोना वायरस के खतरे को लेकर बेपरवाह बना हुआ है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 01:16 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 05:40 PM (IST)
CoronaVirus को लेकर देशभर में अलर्ट के बीच रेलवे प्रशासन चिंता से पूरी तरह बेपरवाह
CoronaVirus को लेकर देशभर में अलर्ट के बीच रेलवे प्रशासन चिंता से पूरी तरह बेपरवाह

वाराणसी, जेएनएन। देश भर में एक ओर कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है, दूसरी ओर नई दिल्‍ली में मेट्रो स्‍टेशनों पर भी जागरुकता काे लेकर सतर्कता बरती जा रही है। जबकि सभी सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सजगता बरतने को लेकर शासन प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। इतनी सतर्कता के बीच रेल प्रशासन कोरोना वायरस के खतरे को लेकर बेपरवाह बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र मंडुआडीह, कैंट स्टेशन पर संदिग्ध यात्रियों की जांच के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। हेल्थ यूनिट तो बनी है लेकिन वहां रोग परखने के लिए अब तक कोई किट नहीं मिला। आंकड़ों पर गौर करें तो कैंट स्टेशन पर हर दिन पांच से छह सौ विदेशी यात्री आते हैं। लेकिन कोरोना पर अलर्ट का यहां कोई असर नहीं है।

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पूर्वांचल के अन्‍य रेलवे स्‍टेशनों पर भी कमोवेश यही हालात बने हुए हैं। जबकि रोडवेज पर भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है, हालांकि बस से विदेशी यात्री कम ही सफर करते हैं। स्टेशन निदेशक आनंद मोहन सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर स्थानीय हेल्थ यूनिट के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा व जिला प्रशासन की भी मदद ली जाएगी। वहीं, नई दिल्ली में उत्तर रेलवे की ओर से उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल में कोरोना वायरस से निबटने के लिए अलग से एक वार्ड बनाया गया है। रोगियों और चिकित्सा सहायकों को रक्षात्मक डिस्पोजबल ड्रेस किट दी गई है। 

वाराणसी में पर्यटन का प्रमुख केंद्र होने की वजह से मरुधर एक्‍सप्रेस सहित आगरा और राजस्‍थान से आने वाली अन्‍य ट्रेनों में विदेशी पर्यटकों की अच्‍छी खासी संख्‍या रहती है। ऐसे में रेलवे स्‍टेशनों पर या ट्रेनाें में कोरोना वायरस को लेकर जांच की पर्याप्‍त सुविधा न होने की वजह से यात्रियों की निगरानी नहीं हो पा रही है। जबकि विमान की अपेक्षा ट्रेन में करोड़ों लोगों की नियमित तौर पर आवाजाही होती है। होली के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ के बीच पीडित अगर यात्रियों के संपर्क में आए तो नुकसान का असर काफी व्‍यापक होगा। 


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