पूर्वांचल को एक लाइफलाइन से जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे और बाणसागर देगा किसानों को खुशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे शिलान्यास से पूरा पूर्वांचल एक लाइफलाइन से जुड़ जाएगा। वहीं बाणसागर परियोजना किसानों को खुशियों से भर देगी।
वाराणसी (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के शिलान्यास से पूरा पूर्वांचल एक लाइफलाइन से जुड़ जाएगा। निकट भविष्य में पीएम मोदी की यह यात्रा पूर्वांचल की जनता के लिए विकास की बड़ी लकीर की तरह साबित होगी। तमसा के पावन तट पर स्थित आजमगढ़ अनेक ऋषि-मुनियों की पावन भूमि को करोड़ों की सौगात से यह धरा खुद को धन्य मानती महसूस हुई । गंगा तथा घाघरा नदी के बीच में बसे इस जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली तो भाजपा के लिए उत्साहित करने वाली रही है। बाणसागर सिंचाई परियोजना के माध्यम से किसानों को संजीवनी मिलनी तय है। इस परियोजना से पिछड़े क्षेत्रों में करीब 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। ऐसे में अब तक सूखे पड़े इन इलाकों में फसलों की बेहतर पैदावार की जा सकेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पूर्वांचल की लाइफ लाइन
- एक्सप्रेस-वे छह लेन चौड़ा (आठ लेन तक विस्तारीकरण का प्लान) बनेगा
- एक्सप्रेस-वे के राइट आफ वे (आरओ डब्लू) की चौड़ाई 120 मीटर
- एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई का सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में
- एक्सप्रेसवे को क्रास करने वाले मार्गों पर 10 किमी दूरी तक स्थित ग्रामों को एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी देने के लिए मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा।
- यह परियोजना लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित ग्राम चांदसराय, जनपद लखनऊ से प्रारंभ होगी।
- यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी दूरी पर स्थित ग्राम हैदरिया, जनपद गाजीपुर के पास एनएच 31 से जुड़ेगी। यह अंतिम स्थल होगा।
- एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 340.824 किमी, अनुमानित लागत 23349 करोड़ का आंकलन
- सिविल निर्माण कार्य की लागत 11836 करोड़ (जीएसटी रहित) रुपये अनुमानित
- एक्सप्रेस वे (मेन कैरिजवे) पर कुल सात रेलवे ओवर ब्रिज, सात दीर्घ सेतु, 112 लघु सेतु, 11 इंटरचेंज, सात टोल प्लाजा, चार रैंप प्लाजा, 220 अंडरपास व 496 पुलियों का निर्माण किया जाएगा।
- एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लैंडिंग व टेक आफ के लिए सुल्तानपुर जनपद में 3.2 किमी लंबी हवाईपट्टी का निर्माण भी प्रस्तावित है।
- लखनऊ से प्रारंभ होने वाली 340.824 किमी लंबी एक्सप्रेस-वे नौ जनपदों से गुजरेगी। लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर तक जाएगी।
किसानों के लिए संजीवनी
मोदी के पूर्वांचल दौरे का एक महत्वपूर्ण पहली बाणसागर परियोजना का राष्ट्र को समर्पित करना रहा। यह परियोजना किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी। क्षेत्र का किसान सूखे से उबरेगा। पिछड़े क्षेत्रों में करीब 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचित होगी। फसलों की पैदावार पहले से बेहतर हो जाएगी।
किसानों को समर्पित योजनाएं
- 1.70 लाख किसान परिवार हो सकेंगे लाभान्वित
- 150132 हेक्टेयर भूमि सूखाग्रस्त इलाकों की होगी सिंचित
- 3420.24 करोड़ रुपये से साकार हुई बाणसागर परियोजना
- 25.600 किलोमीटर बनाई गई है अदवा मेजा लिंक नहर
- 171.80 किमी लंबी नहर बनाई गई सिंचाई के लिए
- 46.46 क्यूसेक पानी बांध की क्षमता होगी
- 1956 में की गई थी बाणसागर परियोजना की परिकल्पना
- 1977 में ही मिल गई थी शासन से स्वीकृति
- 14 मई, 1978 को पीएम मोरारजी ने किया था शिलान्यास