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मंत्री रमाशंकर पटेल के सामने फूटे जनता के बोल, खामियों को लेकर खुली अधिकारियों की पोल

राज्य मंत्री ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा श्रोत रमाशंकर सिंह पटेल के छिमियां गांव में आगमन से पूर्व खामियों पर पर्दा डालने को अधिकारियों की ओर से की गईं तैयारियां धरी की धरी रह गईं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 07:30 AM (IST)
मंत्री रमाशंकर पटेल के सामने फूटे जनता के बोल, खामियों को लेकर खुली अधिकारियों की पोल
मंत्री रमाशंकर पटेल के सामने फूटे जनता के बोल, खामियों को लेकर खुली अधिकारियों की पोल

चंदौली, जेएनएन। राज्य मंत्री ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा श्रोत रमाशंकर सिंह पटेल के छिमियां गांव में आगमन से पूर्व खामियों पर पर्दा डालने को अधिकारियों की ओर से की गईं तैयारियां धरी की धरी रह गईं। शुक्रवार को आयोजित जन चौपाल में ग्रामीणों ने लाभपरक योजनाओं में बरती जा रही लापरवाही की पोल खोल दी। आधा-अधूरा शौचालय बने होने की शिकायत पर डीपीआरओ को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया तो लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना की जानकारी नहीं देने और सुबह ही कार्ड वितरित करवाने पर सीएमओ को कड़ी फटकार लगाई।

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जनपद के प्रभारी मंत्री शाम पांच बजे छिमिया गांव पहुंचे। सबसे पहले ग्राम विकास अधिकारी को बुलाया और मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी ली। जनता से पूछा कि मुख्यमंत्री आवास का पूरा पैसा मिला या नहीं। किसी ने आवास के नाम पर पैसा तो नहीं मांगा। उपस्थित लोगों ने नहीं में जवाब दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों का नाम पुकारा। लेकिन कोई नहीं आया। पूछने पर ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि सबको जानकारी दे दी गई थी लेकिन दूरी अधिक होने के कारण कोई नहीं आया। इस जवाब के बाद तो वीडीओ की जमकर खबर ली और कार्रवाई का संकेत दिया। आयुष्मान भारत योजना के बारे में लोगों से पूछा तो पता चला कि सुबह ही साहब लोग कार्ड बांटकर गए हैं। नाराज हुए और सीएमओ को फटकार लगाते हुए गांव में बैठक कर लाभार्थियों को योजना के बाबत पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। चेताया कि लापरवाही नहीं चलेगी। चौपाल के दौरान पशुओं में टीकाकरण, खाद्यान्न वितरण, पेंशन योजना, आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण, मनरेगा के तहत गांव में कराए गए कार्य आदि की भी पूरी जानकारी प्राप्त की। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बुलाकर उनसे योजना और रोजगार स्थापना के बारे में पूछा। गांव में शौचालय निर्माण की जानकारी ली तो कुछ लोगों ने आधा-अधूरा काम करवाए जाने की शिकायत की। डीपीआरओ को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अंत में आवासों का निरीक्षण कर गुणवत्ता की जांच की। इस अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत ङ्क्षसह चहल, एसपी हेमंत कुटियाल, सीडीओ डा. अभय श्रीवास्तव, बीएसए भोलेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, एसडीएम कुमार हर्ष, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एसपी पांडेय आदि रहे।

तामझाम पर आयोजकों को चेताया

जनचौपाल में मंच, माइक, कुर्सी और माल्यार्पण आदि व्यवस्थाओं को देखकर खुश होने की बजाए प्रभारी मंत्री नाराज हो उठे। आयोजकों को चेताया कि आगे से इस तरह के तामझाम से परहेज करें। कहा जनता के बीच उनकी समस्या सुनने और संवाद करने आते हैं ना की स्वागत करवाने। कहा पहली चौपाल है इसलिए इस चूक को नजरअंदाज कर रहा हूं। अगली  दफा सीधे कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि जनता से मिलकर समस्याएं सुनें और समाधान करवाएं।

सांकेतिक चाबी सौंपने के किया इंकार

चौपाल में जिला विकास अधिकारी पदमकांत शुक्ला ने मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सांकेतिक चाबी सौंपने का प्रभारी मंत्री से अनुरोध किया। मंत्री ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि अभी आवास अपूर्ण हैं। दरवाजे नहीं लगे हैं ऐसे में चाबी देने का क्या औचित्य है। फर्जी काम न करवाएं याद रखें प्रदेश में किसकी सरकार है। इसपर डीडीओ बगलें झांकने लगे। लाभार्थियों के आगे कुर्सी पर जमे अधिकारियों को भी हटने को कहा। 


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