बोले काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह- 'पं. कमलापति का बहुआयामी व्यक्तित्व प्रेरणापुंज'
भारतीयता और भारतीय संस्कृति के प्रशस्त प्रतिनिधि राजनेता साहित्यकार व पत्रकार पंडित कमलापति त्रिपाठी का रचनात्मक यश अमिट और अविस्मरणीय है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि भारतीयता और भारतीय संस्कृति के प्रशस्त प्रतिनिधि, राजनेता, साहित्यकार व पत्रकार पंडित कमलापति त्रिपाठी का रचनात्मक यश अमिट और अविस्मरणीय है। त्रिपाठी जी मूलत: साहित्यकार और पत्रकार थे जो युगधर्म के तकाजों पर स्वतंत्रता संघर्ष में कूदे और राजनीति का हिस्सा बने। वे प्रतिबद्ध वैचारिक एवं मूल्यपरक निष्ठा के धनी थे। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणापुंज है।
पं. कमलापति त्रिपाठी की 114 वीं जयंती पर कमलापति फाउंडेशन द्वारा मंगलवार को काशी विद्यापीठ के गाधी सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि पंडित जी ने विद्यापीठ को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया और पूर्व चांसलर थे। उनका जयंती समारोह हर वर्ष विद्यापीठ में मनाना गौरव की बात होगी। बतौर मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने कहा कि त्रिपाठी जी संस्कृति, संस्कृत और काशी के सास्कृतिक मूल्यों के संरक्षक नेतृत्वकर्ता थे। उनका बहुआयामी सर्जनात्मक व्यक्तित्व अनुकरण, अध्ययन और शोध का विषय है।
इस दौरान कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन की ओर से ख्यात साहित्यकार डा. काशी नाथ सिंह को वर्ष 2018 का पं. कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं साहित्य सम्मान प्रदान करने की घोषणा की गई। साहित्य व पत्रकारिता सेवा के क्षेत्र में प्रो. श्रद्धानंद, डा. जितेंद्रनाथ मिश्र, डा. रामसुधार सिंह, ओमप्रकाश चौबे धीरज, डा. इंदीवर, हिमाशु उपाध्याय, राजनाथ तिवारी को सम्मानित किया गया। पूर्व सासद डा. राजेश मिश्र, विजय शकर पांडेय, ललितेश पति त्रिपाठी, अंजलि त्रिपाठी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
स्वागत समारोह समिति के महामंत्री सतीश चौबे, संचालन प्रो. सतीश कुमार राय व आभार प्रकाश फाउंडेशन चेयरमैन राजेशपति त्रिपाठी ने किया। अंबरीशपति त्रिपाठी, बैजनाथ सिंह, अनिल श्रीवास्तव, विजय शकर मेहता, भूपेंद्र प्रताप सिंह, दिलीप चौबे, मनीष चौबे, राधेलाल, त्रिभुवन पांडेय, पुनीत मिश्रा, विजय कृष्ण, प्रो. आरपी द्विवेदी, डा. प्रमोद पांडेय, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, प्रो. मंजुला चतुर्वेदी, प्रो. अरविंद पांडेय, प्रो. शिवकुमार मिश्र, डा. अशोक सिंह, शैलेंद्र सिंह, हर्षवर्धन सिंह समेत अन्य लोग मौजूद थे।