बनारस रेल इंजन कारखाना में एक ट्रायल लाइन पर ब्राड, मानक और केप गेज की व्यवस्था
नए वर्ष के साथ ही बनारस रेलइंजन कारखाना ने एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है। एक ही लाइन पर ब्राड गेज स्टैंडर्ड गेज और कैप गेज का करीब 220 मीटर का आरसीसी ट्रैक का निर्माण सिविल इंजीनियर विभाग की ओर से पूर्ण कराया गया है।
वाराणसी [विनोद पांडेय]। नए वर्ष के साथ ही बनारस रेलइंजन कारखाना ने एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है। एक ही लाइन पर ब्राड गेज, स्टैंडर्ड गेज और कैप गेज का करीब 220 मीटर का आरसीसी ट्रैक का निर्माण सिविल इंजीनियर विभाग की ओर से पूर्ण कराया गया है। इसमें परीक्षण के लिए 25 मीटर का पिट एवं वे-ब्रिज शामिल है।
एक ही लाइन पर इससे पहले तीन ट्रैक बरेका में नहीं थे। सिविल इंजीनियर विभाग की ओर से इस कार्य को दिए लक्ष्य से पूर्व ही केवल दो माह में पूर्ण कर लिया गया। इससे बरेका अब किसी भी तरह गेज के डीजल व इलेक्ट्रिक इंजन का निर्यात करने के लिए आवश्यक परीक्षण कर सकेगा। इसी वित्तीय वर्ष में केप गेज डीजल लोको मोजांबिक देश को बरेका की ओर से सप्लाई की जाएगी। कुल छह इंजन निर्यात होंगे। वर्ष 1964 में जब मीटर गेज इंजन निर्माण से शुरुआत हुई। मीटर गेज में दो पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है। लागत को कम करने के लिए मीटर गेज को बनाया गया था। नीलगिरी माउंटेन रेलवे जो कि भारत में एक मीटर गेज पर चलने वाली एक विरासत है, को छोड़कर सभी मीटर गेज लाइनों को परियोजना यूनिगेज के तहत ब्राड गेज कर दिया गया है। वर्तमान में मीटर व ब्राड गेज के रेलइंजन ट्रायल ट्रैक की सुविधा थी। दो नए गेज के ट्रायल ट्रैक की सुविधा भी मिल गई है।
ब्राड गेज : यह गेज की रेल लाइनों पर दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1.676 मीटर होती है। यह रेल लाइनें भारत, पाकिस्तान, बाग्लादेश, श्रीलंका, अर्जेटीना, चिली और सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र में होती हैं।
केप गेज : इस गेज की लाइनों में दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1.067 मीटर होती है। इस गेज की लाइनें दक्षिणी एवं मध्य अफ्रीका, इंडोनेशिया, ताईवान, फिलिपींस, जापान, न्यूजीलैंड तथा आस्ट्रेलिया में हैं।
मानक (स्टैंडर्ड) गेज : इस गेज की लाइनों में दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1.435 मीटर होती है। यूरोपियन समेत विश्व के 60 फीसद हिस्सों में इस गेज के रेल ट्रैकों को उपयोग होता है। भारत में रेल ट्रांजिट सिस्टम जैसे मेट्रो, मोनोरेल और ट्राम के लिए किया जाता है। वर्ष 2010 तक भारत में भारत में एक मात्र मानक गेज लाइन कोलकाता ट्राम प्रणाली थी।
मोजांबिक के लिए छह डीजल रेल इंजनों के निर्यात का आर्डर मिला
मोजांबिक के लिए छह डीजल रेल इंजनों के निर्यात का आर्डर मिला है। इस दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। हमें गर्व है कि मात्र तीन वर्ष में ही बरेका ने अपने आप को भारतीय रेल की ऐसी उत्पादन इकाई में बदल लिया है जिसे डीजल एवं विद्युत दोनों प्रकार के तीन गेज रेल इंजनों के निर्माण की दक्षता समान रूप से हासिल है।
- अंजली गोयल, महाप्रबंधक बरेका